नई दिल्ली/दक्षिण भारत। विभिन्न दलों के 14 विपक्षी सांसदों को सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में गुरुवार को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए लोकसभा से निलंबित किया गया है।
लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन पर गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की विपक्ष की मांग के बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सांसदों के निलंबन के लिए अलग-अलग मौकों पर दो प्रस्ताव पेश किए।
अपने निलंबन से पहले, सांसद बुधवार के सुरक्षा उल्लंघन पर सरकार से बयान की मांग के साथ नारे लगाते हुए सदन के वेल में चले गए।
सदन की कार्यवाही पहली बार प्रश्नकाल के दौरान स्थगित हुई, जब विपक्ष के हंगामे के कारण इसे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोपहर दो बजे जोशी ने सरकार की ओर से बयान पढ़ा।
इसके बाद उन्होंने हंगामे के बीच पांच सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। इसमें टीएन प्रतापन, हिबी ईडन, जोथिमानी, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस के नाम थे। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दोपहर 3 बजे कार्यवाही शुरू हुई तो जोशी ने वीके श्रीकंदन, बेनी बेहानन, मोहम्मद जावेद, पीआर नटराजन, कनिमोझी, के सुब्बारायण, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन और मनिकम टैगोर को निलंबित करने के लिए दूसरा प्रस्ताव पेश किया।
एक सांसद ने बाद में दावा किया कि प्रथिबन का नाम निलंबित सांसदों में शामिल किया गया था, जबकि वे दिल्ली में मौजूद नहीं हैं और चेन्नई में हैं। निलंबित कुछ सदस्यों ने स्थगन के बाद भी सदन में विरोध जारी रखा। चार दिसंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर को समाप्त होगा।