मुंबई/दक्षिण भारत। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी (अणुविभा) के तत्वावधान में संचालित नशामुक्ति अभियान 'एलीवेट: एक्सपीरियंस द रियल हाई' के तहत 11 दिसंबर को एसएनडीटी वीमेंस यूनिवर्सिटी, सांताक्रूज वेस्ट में विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें आचार्य महाश्रमणजी के सान्निध्य में देशभर के बुद्धिजीवी शामिल हुए। इस दौरान युवा पीढ़ी को ड्रग्स से बचाने के लिए चिंतन-मनन किया गया।
आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि अज्ञान और मोह के कारण व्यक्ति गलत कार्य करता है। अज्ञान एक बड़ा अभिशाप है। अज्ञान का पर्दा हट जाए और बात समझ में आ जाए तो वह गलत आचरण को छोड़ भी सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस, प्रशासन, चिकित्सक समेत समाज के विभिन्न वर्गों का साथ मिले तो इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के साथ ही युवाओं को व्यसन से मुक्त कराया जा सकता है।
आचार्यजी ने कहा कि अणुव्रत आंदोलन शुरू होने का 75वां वर्ष चल रहा है। इसे अणुव्रत अमृत वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान अनेक कार्यक्रम निर्धारित हैं। आचार्यजी ने एनसीसी कैडेट्स को ड्रग्स से दूर रहने का संकल्प दिलाया। पांडाल में मौजूद अन्य लोगों ने भी यह संकल्प लिया।
साध्वी सम्बुद्धयशा ने कहा कि व्यक्ति के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है कि वह अच्छा इंसान बने। नशामुक्त कार्यक्रम अच्छा इंसान बनाने का ही उपक्रम है। मुनि डॉ. अभिजीत कुमार ने यह कार्यक्रम सामाजिक और आध्यात्मिक समन्वय का एक विलक्षण अवसर है।
प्रसिद्ध नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विश्वनाथ बिल्ला ने मानव शरीर और मस्तिष्क की संरचना पर प्रकाश डाला। मनोविज्ञानी डॉ. अजहर हकीम ने नशामुक्त जीवन का आह्वान किया।
मेजर जनरल योगेंद्र सिंह ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ इस अभियान से जुड़कर बेहतर समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। यूनिवर्सिटी के डॉ. आशीष पंत ने कहा कि हम सब मिलकर इस अभियान को सफल बनाएंगे।