ट्रेंड फोरकास्टिंग कंपनी डब्ल्यूजीएसएन और इंस्टाग्राम का यह सर्वे उत्साहजनक है कि नई पीढ़ी नए साल में अपने स्वास्थ्य और खान-पान पर काफी ध्यान देना चाहती है। विशेष रूप से आयुर्वेद व शाकाहार की ओर, जिनका स्वस्थ तन और स्वस्थ मन से गहरा संबंध है। आज का युवा अपने करियर के अलावा स्वास्थ्य को लेकर भी सजग रहता है। सोशल मीडिया पर आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के विशेषज्ञों को हजारों-लाखों की तादाद में लोग फॉलो कर रहे हैं, जिनमें युवा फॉलोअर्स भी काफी हैं।
कोरोना काल ने हमें अच्छे स्वास्थ्य का महत्त्व बहुत अच्छी तरह से समझा दिया है। उस दौरान लोग स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बहुत सजग दिखाई देते थे, लेकिन इस साल, जब वायरस के प्रसार पर मजबूती से नियंत्रण पा लिया गया, स्वास्थ्य के संबंध में लापरवाही फिर नजर आने लगी है। ऐसे में, अगर युवा पीढ़ी स्वास्थ्य और अच्छी आदतों को प्राथमिकता देना चाहती है तो यह प्रशंसनीय है।
न केवल युवा, बल्कि हर आयुवर्ग के लोगों को नए साल के लिए कुछ संकल्प जरूर लेने चाहिएं। इनमें से कुछ उनके निजी व पारिवारिक जीवन से संबंधित हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ संकल्प राष्ट्र-निर्माण से संबंधित होने चाहिएं। निजी जीवन में यह संकल्प सबको लेना चाहिए कि अगर वे किसी तरह का नशा नहीं करते हैं तो भविष्य में भी उससे दूर रहेंगे; अगर किसी कारणवश पूर्व में ऐसे पदार्थों की आदत हो गई तो उनका सेवन करना छोड़ देंगे। इसके लिए एक जनवरी का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। आज और अभी से संकल्प का पालन शुरू कर दें।
इस साल साइबर ठगों ने लोगों को झांसा देकर खूब चूना लगाया। 'ईजी मनी' के चक्कर में लोगों ने लाखों का घाटा उठाया। कोई सट्टे में बर्बाद हुआ तो किसी को जुआ और अन्य प्रलोभन ले डूबे। हर हफ्ते ऐसी खबरें पढ़ने को मिलीं, जिनमें इस बात का जिक्र था कि साइबर ठगों ने वर्क फ्रॉम होम, रेटिंग, वीडियो लाइक के नाम पर लोगों की जीवनभर की बचत हड़प ली। 'ईजी मनी' और अन्य प्रलोभनों से दूर रहने का संकल्प ऐसे नुकसान से बचा सकता है। कोई हुनर सीखने का भी संकल्प लें, जिससे धन अर्जित कर सकें।
नया साल भारत के लिए चुनावी साल भी है। अब लोकसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं। चुनावी मौसम में विभिन्न पार्टियों के नेता आएंगे, तरह-तरह के वादे करेंगे। इस दौरान आरोप-प्रत्यारोप के शब्दबाण चलेंगे। हो सकता है कि कुछ नेता अपने सियासी फायदे के लिए ऐसे मुद्दे उछालने की कोशिश करें, जो सामाजिक सद्भाव की दृष्टि से उचित न हों। सोशल मीडिया तो फेक न्यूज के तड़के के साथ ऐसी बयानबाजी से पहले ही भरा पड़ा है। हम सबको यह संकल्प लेना है कि ऐसी सामग्री पर न तो विश्वास करेंगे, न उसका प्रसार करेंगे, और न ही किसी भड़काऊ बयानबाजी से देश की एकता पर आंच आने देंगे।
पार्टियों व नेताओं को देखेंगे, परखेंगे। उनमें से जो राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक स्थिरता, सांस्कृतिक गौरव, आर्थिक विकास, पारदर्शी शासन, खुशहाली, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार ... समेत विभिन्न मुद्दों की कसौटियों पर खरा उतरेगा, उसी को चुनेंगे।
इस साल भारत ने डिजिटल पेमेंट में नए कीर्तिमान स्थापित किए। देशवासियों को यह संकल्प लेना चाहिए कि नए साल में जहां तक संभव होगा, नकदी का उपयोग कम से कम करेंगे। इसकी जगह डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता देंगे। भुगतान का यह स्वरूप भविष्य में हमारी अर्थव्यवस्था को और ताकतवर बनाएगा। हम ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। अब हमें शीर्ष तीन में शामिल होना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जरूरी है कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी को प्राथमिकता दें।
आज जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, वायु प्रदूषण समेत कई समस्याएं गंभीर रूप लेती जा रही हैं। इनसे निपटने के लिए सबको तैयारी करनी होगी। अगर हम सब एक-एक छायादार या फलदार पौधा लगाने का संकल्प लें तो इससे पर्यावरण संरक्षण में बहुत मदद मिलेगी। हमें सौर ऊर्जा को अपनाना होगा। पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की ओर जाना होगा। अगर कम दूरी की यात्रा के लिए साइकिल का उपयोग करें तो बेहतरीन है! हम ये संकल्प लेकर दृढ़ता से पालन करें, सिद्धि अवश्य मिलेगी।