बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेलगावी हमले की पीड़िता से मिलने आने वाले लोगों की तादाद पर प्रतिबंध लगा दिया है। महिला के बेटे के एक लड़की के साथ भाग जाने के बाद उसके गांव के कुछ लोगों ने उस पर हमला किया था और उसे निर्वस्त्र कर घुमाया था।
वह इस दौरान मानसिक आघात का सामना कर रही है। उसके मद्देनजर उच्च न्यायालय ने कहा कि उससे मिलने आने वाले लोगों के सिलसिले को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे में पीड़ित को देखने के लिए लोगों का अस्पताल जाना असामान्य नहीं है। यह न्यायालय आम तौर पर किसी भी नागरिक की आवाजाही की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं करना चाहेगा।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि पीड़िता को असहनीय आघात का सामना करना पड़ा है और वह चिकित्सा उपचार करवा रही है, हमारी सुविचारित राय में, आगंतुकों के प्रवाह से पीड़िता की स्वास्थ्य स्थिति प्रभावित होने और साथ ही चल रहे चिकित्सा उपचार में भी बाधा आने की आशंका है।