सूरत/दक्षिण भारत। गुजरात के सूरत शहर में दुनिया की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट इमारत सबका ध्यान आकर्षित कर रही है। करीब 35 एकड़ में बना 'सूरत डायमंड बोर्स' अपनेआप में अनूठा है, जिसकी खूबियां बताने के लिए सोशल मीडिया भरा पड़ा है। इस 6.6 मिलियन वर्ग फीट इलाके की चमक देश-दुनिया में छाएगी।
सूरत शहर और बेशकीमती 'हीरों' के कारोबार का गहरा संबंध है। अब यह शहर 'डायमंड बोर्स' के लिए भी दुनिया में जाना जाएगा। बता दें कि सूरत वह शहर है, जहां दुनिया के 80 प्रतिशत हीरे पॉलिश किए जाते हैं। यहां हीरा कारोबार के दिग्गज मौजूद हैं, जो अब 'डायमंड बोर्स' से इस उद्योग को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे।
इस इमारत को डिजाइन करते हुए सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। पूरे परिसर पर सीसीटीवी कैमरों की नजर रहेगी। प्रवेश द्वारों से लेकर अंडर-कार स्कैनर और निकासी द्वार तक, सब नियंत्रण कक्ष की नजर में रहेगा। यहां कई चेक पॉइंट्स भी बनाए गए हैं। इमारत में डिजिटल रूप से एकीकृत अग्नि सुरक्षा प्रणाली मौजूद है।
कारोबारियों और कर्मचारियों को विभिन्न सुविधाएं एक ही स्थान पर मुहैया कराने के लिए यहां बैठक कक्ष, भोजन स्थान, कुकिंग एरिया, कस्टम कार्यालय और बैंकिंग सुविधाओं के लिए स्थान निर्धारित किए गए हैं। यही नहीं, कारोबार के विस्तार और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑक्शन हाउस और डिपोजिट बॉक्स बनाए गए हैं। इमारत से यात्री कनेक्टिविटी का ध्यान रखा गया है।
आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही को लेकर पार्किंग के वास्ते 20 लाख वर्ग फीट का बेसमेंट स्थान उपलब्ध कराया गया है। इसके रास्तों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आवागमन में सुविधा हो और दुर्घटना की आशंका कम हो। इसका आंतरिक भूदृश्य हरियाली से आच्छादित किया गया है, जो बहुत सुंदर दिखता है।
हीरों के कारोबार में प्राकृतिक रोशनी बहुत मायने रखती है। इमारत की डिज़ाइन में इस बात का खास ध्यान रखा गया है, ताकि सूरज की रोशनी का अधिकाधिक उपयोग किया जाए। इससे सभी कार्यस्थलों पर पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी होगी। इसमें 24 फीट चौड़ा कॉरिडोर सभी नौ स्ट्रक्चर को जोड़ेगा। यहां अनुकूल वातावरण बनाने के लिए एसी लगाए गए हैं।
ऊपरी मंजिलों पर स्पाइन कॉरिडोर में रेडियंट कूलिंग सिस्टम लगाए गए हैं। यहां कार्यालय गलियारे 8 फीट चौड़े होंगे। हर इमारत में शक्तिशाली लिफ्टें लगी हुई हैं। यहां मौसम के अनुसार ठंडा-गर्म पानी उपलब्ध होगा। इमारत में प्रकृति की शक्ति के कुशल उपयोग पर जोर दिया गया है।