बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर में हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री लोगों को खूब आकर्षित कर रही है। इसके लिए 'नेशनल सिल्क एक्सपो' का आगाज 16 दिसंबर को थर्ड फेज बन्नेरघट्टा मेन रोड, जेपी नगर के शिल्प कल मंटपा में हुआ। यहां भारत की बुनाई परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली साड़ियों और पोशाक सामग्रियों की 1,50,000 से अधिक किस्में मौजूद हैं।
यहां जीवंत रंगों और मिट्टी के रंगों में जूट रेशम, पॉलिश और कच्चे टसर, कांथा-वर्क वाली साड़ियां, ढाकाई जामदानी और मसलिन रेशम, बालूचरी, तंगेल, पश्चिम बंगाल की लिनेन साड़ी, उप्पाडा साड़ियां, जो सोने की बुनाई के साथ शानदार ढंग से चमकती हैं, के प्रति खास आकर्षण है।
वहीं, डबल बुनाई इक्कत, घिचा सिल्क और कॉटन खरीदारी को खास बनाते हैं। उत्तम दर्जे का रेशम औपचारिक अवसरों के लिए आदर्श माना जाता है। वहीं, हल्के पेस्टल रंगों में लखनऊ से चिकन का काम सभी उम्र और अवसरों के लिए है।
कई उत्पादों पर छूट देने वाली इस प्रदर्शनी में भागलपुरी सिल्क, रनिंग मटीरियल और साड़ियों का आकर्षक संग्रह है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बनारस सिल्क और सिल्क कॉटन, राजस्थानी डब्बू प्रिंट, बंधेज और गुजरात पटोला, बिहार टसर सिल्क मंत्रमुग्ध करने वाले रंगों में हैं। वहीं, इंद्रधनुषी रंगों में वर्क किए गए बॉर्डर के रोल, सेक्विन-वर्क वाले ब्लाउज, ड्रेस के लिए योक और भी बहुत कुछ यहां उपलब्ध है, जिसके लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। यहां एंट्री नि:शुल्क है। सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वीकार किए जाएंगे। एक्सपो का समय सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक है। इसका समापन 25 दिसंबर को होगा।