बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष दायर हलफनामे में कहा है कि बेंगलूरु में यातायात को नियंत्रित करने के लिए स्कूल के समय और कारखानों में काम के घंटों को बदलना जरूरी नहीं है, क्योंकि ये भीड़भाड़ के एकमात्र कारण नहीं हैं।
शिक्षा और श्रम विभागों द्वारा हलफनामे हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद दायर किए गए थे। न्यायालय ने दलील दर्ज की और जनहित याचिका की सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव ऋतेश कुमार सिंह की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि बेंगलूरु में स्कूल के समय में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यातायात की भीड़ केवल स्कूल के घंटों के कारण नहीं है, बल्कि विभिन्न संस्थानों, उद्योगों और अन्य स्थानों से आने-जाने वाले वाहनों की समग्र आवाजाही से प्रभावित होती है।
हलफनामे में कहा गया है कि समग्र यातायात परिदृश्य की ओर ध्यान दिए बिना स्कूल के समय में बदलाव शुरू करने से प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं, जिससे छात्रों के लिए सोने, भोजन और अन्य आवश्यक गतिविधियों के लिए निर्धारित समय बाधित हो सकता है।