इन-स्पेस ने अग्रणी कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू किया

अंतरिक्ष मिशन की योजना और कार्यान्वयन के तकनीकी पहलुओं पर केंद्रित होगा पाठ्यक्रम

Photo: In Space

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। अंतरिक्ष क्षेत्र में उद्योग और शिक्षा जगत के कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए इन-स्पेस ने इसरो और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से ऑर्बिटल मैकेनिक्स, एटीट्यूड डायनेमिक्स और कंट्रोल, स्पेस-आधारित नेविगेशन और मिशन योजना पर केंद्रित एक व्यापक अल्पकालिक पाठ्यक्रम की घोषणा की है।

यह पाठ्यक्रम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा, जिसमें मिशन योजना, लॉन्च विंडो अनुकूलन और मिशन बाधाओं से निपटना शामिल है। यह दूसरा पांच दिवसीय आवासीय कार्यक्रम 17 दिसंबर से देवनहल्ली के इसरो गेस्ट हाउस में शुरू हुआ है।

इन-स्पेस के प्रमोशन निदेशालय के निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि यह पहल अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए सरकार के दृष्टिकोण को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में मूर्त कौशल और ज्ञान में परिवर्तित करने के लिए इन-स्पेस द्वारा बनाया गया एक शिक्षण मंच है। पाठ्यक्रम की सामग्री प्रतिभागियों को ऑन-बोर्ड कंप्यूटर और अन्य प्रणालियों को विकसित करने में प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि उपग्रह को अंतरिक्ष में स्वायत्त रूप से काम करने में सक्षम बनाया जा सके। यह पाठ्यक्रम भारत के अंतरिक्ष अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगा और अंतरिक्ष विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी तैयार करेगा।

पाठ्यक्रम को इन-स्पेस द्वारा इसरो, अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के अनुभवी संकाय द्वारा डिजाइन और कार्यान्वित किया गया है। अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए आवश्यक सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल के अनूठे मिश्रण के साथ, अल्पकालिक पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को मिशन योजना, कार्यान्वयन और अंतरिक्ष मिशन संचालन के अनुकूलन के लिए आवश्यक मूलभूत सिद्धांतों से लैस करेगा।

यह पाठ्यक्रम शिक्षाविदों, उद्योग के अधिकारियों, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और शोधकर्ताओं के लिए खुला है। प्रतिभागियों को मिशन प्रोफाइल विकसित करने, लॉन्च विंडो को अनुकूलित करने और अंतरिक्ष मिशनों में निहित असंख्य चुनौतियों से निपटने का गहन अनुभव मिलेगा।

पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को अंतरिक्ष मिशन संचालन की योजना बनाना और अनुकूलन के लिए महत्त्वपूर्ण मूलभूत सिद्धांतों और व्यावहारिक अनुभव से लैस करना है। पाठ्यक्रम में मिशन प्रोफाइल विकसित करने, लॉन्च विंडो को अनुकूलित करने और मिशन बाधाओं से निपटने पर गहन सत्र शामिल होंगे। यह प्रतिभागियों को मिशन योजना, कार्यान्वयन और अंतरिक्ष मिशन संचालन के अनुकूलन के लिए आवश्यक मूल सिद्धांतों की व्यापक समझ प्रदान करेगा।

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