बेंगलूरु/नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और बेंगलूरु में सुरंग परियोजना और मेकेदातु परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता मांगी। उन्होंने संसद भवन में वित्त मंत्री से मुलाकात की और बेंगलूरु में यातायात को सुगम करने के लिए सुरंग परियोजना, बेंगलूरु में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार, अपर भद्रा परियोजना, अपर कृष्णा परियोजना और मेकेदातु परियोजना सहित राज्य की कई प्रमुख परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की मांग करते हुए एक पत्र सौंपा। सीतारमण को लिखे पत्र में बेंगलूरु शहर में तीन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता मांगी गई है।
उन्होंने पत्र में कहा है, बेंगलूरु शहर गंभीर यातायात भीड़ का सामना कर रहा है इसलिए उत्तर-दक्षिण गलियारे और पूर्व-पश्चिम गलियारे में यातायात प्रवाह को आसान बनाने के लिए 60 किलोमीटर लंबी सुरंग परियोजना की योजना बनाई जा रही है। 500 करोड़ रुपये प्रति किमी के हिसाब से सुरंग परियोजना की कुल लागत 30,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
पत्र में अगले बजट में राज्य और एनएचएआई के लिए केंद्रीय निधि के आवंटन की मांग की गई है क्योंकि सुरंग परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग 7 और 4 को जोड़ती है।
डीके शिवकुमार ने पत्र में बीएमआरसीएल द्वारा तैयार की जा रही विस्तार योजना के अनुसार बेंगलूरु में नम्मा मेट्रो के विस्तार के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी पाने में सीतारमण से मदद भी मांगी है। इसके अलावा, पत्र में राज्य सरकार द्वारा बेंगलूरु शहर में बाढ़ शमन बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 3,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता के लिए विश्व बैंक को सौंपे गए प्रस्ताव के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी और सहायता भी मांगी गई है। पत्र में मेकेदातु परियोजना पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने में उनके हस्तक्षेप की मांग की गई है।
कृष्णा जल न्यायाधिकरण 2 ने 2010 में एक आदेश पारित किया था जिसमें कर्नाटक को कृष्णा बेसिन से 173 टीएमसी पानी का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। अपर कृष्णा परियोजना के तीसरे चरण में 130 टीएमसी पानी के उपयोग का प्रावधान है। इस परियोजना से विजयपुरा, बागलकोटे, कलबुर्गी, रायचूर, यादगीर और कोप्पल जिलों में 5.94 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होने का अनुमान है। हालांकि 16,900 करोड़ रुपये की इस परियोजना को कृष्णा जल न्यायाधिकरण ने एक दशक पहले मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसे अभी तक राजपत्र में अधिसूचित नहीं किया गया है।
इस मामले में केंद्र के हस्तक्षेप की मांग करते हुए पत्र में कहा गया है कि इस अत्यधिक देरी के कारण उत्तरी कर्नाटक के लोग पीड़ित हैं। उन्होंने पत्र में पिछले केंद्रीय बजट में घोषित अपर भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपए की केंद्रीय निधि तत्काल जारी करने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की प्रक्रिया में देरी हो रही है और धन अभी तक जारी नहीं किया गया है, जिससे परियोजना की प्रगति बाधित हो रही है।