प्रियांक बोले- मल्लिकार्जुन खरगे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनते हैं तो अच्छा है, लेकिन ...
प्रियांक खरगे ने कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडि’ गठबंधन के दलों के लिए लोकसभा में बहुमत हासिल करने की जरूरत पर जोर दिया
Photo: PriyankMKharge FB page
कलबुर्गी/दक्षिण भारत। कांग्रेस अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे एवं कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने बुधवार को कहा कि यदि उनके पिता विपक्षी गठबंधन 'इंडि' के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनते हैं तो यह अच्छा है, लेकिन दिवास्वप्न देखने के बजाय पहले व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है। प्रियांक खरगे ने कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडि’ गठबंधन के दलों के लिए लोकसभा में बहुमत हासिल करने की जरूरत पर जोर दिया और इसे विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सामने एक बड़ी चुनौती बताया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यह कहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का संयोजक बनाने और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की पैरवी की कि वे देश के पहले दलित प्रधानमंत्री हो सकते हैं, लेकिन बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। एमडीएमके नेता वाइको सहित कई नेताओं ने विपक्षी समूह की बैठक के बाद इसकी पुष्टि की और कहा कि खरगे ने नेताओं से कहा कि पहले जीतना और गठबंधन की ताकत बढ़ाना महत्वपूर्ण है, बाकी सब कुछ बाद में तय किया जा सकता है।
प्रियांक खरगे ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने इस पर स्पष्ट रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त की है, उन्होंने कहा है कि हमारे सामने चुनौती अधिक से अधिक सांसदों को चुनकर दिल्ली भेजने की है। यह हमारे सामने प्रमुख चुनौती है। बहुमत हासिल करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, हम वह करेंगे।’ यहां पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल के जवाब में उन्होंने (प्रियांक) कहा, ‘अगर कोई कन्नड़िगा प्रधानमंत्री बनता है तो क्या आप 'नहीं’ कहेंगे?’ ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा ‘अगर वे (मल्लिकार्जुन खरगे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार) बनते हैं, तो अच्छा है, लेकिन हमें पहले सामने आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों का मुकाबला करना होगा, हम सिर्फ दिवास्वप्न नहीं देख सकते। हमें पहले कांग्रेस के लिए 200-250 सीटें जीतनी होंगी, इसके साथ ही हमें, विपक्षी ‘इंडि’ गठबंधन के सदस्यों के साथ मिलकर एक अनुकूल माहौल बनाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी पार्टियों से भी अधिक से अधिक उम्मीदवार जीतें, उसके बाद अन्य प्रश्न उठेंगे।’ सूत्रों ने बताया कि हालांकि खरगे का नाम प्रस्तावित किया गया था, जिसका कई नेताओं ने समर्थन किया था लेकिन बैठक के दौरान इस मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया।कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे ने 28 विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी वाली बैठक में अपना नाम प्रस्तावित किए जाने के बाद कहा, ‘मैं वंचितों के लिए काम करता हूं। आइए पहले जीतें, फिर देखेंगे। मैं और कुछ नहीं चाहता।’