नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भारत की पहली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज का कहना है कि उन्होंने 'गलत युग में' प्रतिस्पर्धा की, और देश में खेलों को बढ़ावा देने और बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्सुकता की प्रशंसा की।
क्रिसमस पर प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए दिग्गज लॉन्ग जम्पर ने कहा, 'एक खिलाड़ी के रूप में, मैं लगभग 25 वर्षों से यहां हूं और बहुत सारे बदलाव देख रही हूं। बीस साल पहले जब मैंने भारत को पहला वैश्विक पदक दिलाया था, तब भी मेरा विभाग मुझे प्रमोशन देने के लिए तैयार नहीं था।'
अंजू ने कार्यक्रम के दौरान कहा, 'लेकिन नीरज (चोपड़ा) के पदक जीतने के बाद, मैंने बदलाव देखे हैं ... जिस तरह से हम जश्न मना रहे हैं ... मैं उनसे ईर्ष्या करती हूं, क्योंकि मैं गलत युग में थी।'
पेरिस में साल 2003 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की लंबी कूद में कांस्य पदक जीतने वाली अंजू ने महिला सशक्तीकरण के बारे में बात की और यह भी बताया कि कैसे देश अब एथलीटों की उपलब्धियों का जश्न भी मनाता है।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण अब सिर्फ एक शब्द नहीं रह गया है। हर भारतीय लड़की सपने देखने के लिए तैयार है और उसे पता है कि उसके सपने सच होंगे।
प्रधानमंत्री ने क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के साथ बातचीत की और अंजू इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थीं। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि निकट भविष्य में हम (खेल जगत में) शीर्ष पर होंगे।'