हुब्बली/दक्षिण भारत। यहां सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को श्रीकांत पुजारी को जमानत दे दी। वे हिंदुत्व आधारित संगठन से जुड़े कार्यकर्ता हैं, जिन्हें दिसंबर 1992 के एक मामले के सिलसिले में पिछले हफ्ते पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इसके बाद विपक्षी भाजपा ने राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े 31 साल पुराने मामले में इस गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और उनकी रिहाई की मांग की।
भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हिंदुओं के प्रति कठोर होने और अल्पसंख्यक तुष्टीकरण में शामिल होने का आरोप लगाया है।
वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने श्रीकांत पुजारी को 'आपराधिक संदिग्ध' बताया और कहा था कि उन पर 16 असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश परमेश्वर प्रसन्ना बी ने जमानत देने के आदेश की घोषणा की है।
सरकारी वकील ने गुरुवार को आपत्ति दर्ज कराई और दावा किया था कि श्रीकांत पुजारी कई अन्य मामलों में वांछित थे और अदालत की सुनवाई में भाग लेने से बच रहे थे।