नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन पहले ही 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' ने अपने 50 दिन पूरे किए हैं। इतने कम समय में इस यात्रा से 11 करोड़ लोगों का जुड़ना अपने आप में अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकार खुद पहुंच रही है, उसे अपनी योजनाओं से जोड़ रही है। विकसित भारत संकल्प यात्रा सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि देश की यात्रा बन चुकी है। यह सपनों, संकल्पों और भरोसे की यात्रा बन चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम देश की एक बहुत बड़ी आबादी को रोजमर्रा की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए होने वाले संघर्षों से बाहर निकालना चाहते हैं। इसलिए हम गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के भविष्य पर फोकस कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा का सबसे बड़ा मकसद है कि कोई भी हकदार सरकारी योजना के लाभ से छूटना नहीं चाहिए। कई बार जागरूकता की कमी से या दूसरे कारणों से कुछ लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। ऐसे लोगों तक पहुंचना हमारी सरकार अपना दायित्व समझती है। इसलिए मोदी की गारंटी की यह गाड़ी गांव-गांव जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई जैसा महानगर हो या देश का कोई सुदूर गांव, कारगिल के पहाड़ हों या कन्याकुमारी के समुद्रतट, भारत के कोने-कोने में आज एक सार्थक परिवर्तन दिख रहा है। किसने सोचा था कि किसी दिन सरकारी कर्मचारी, सरकारी अफसर, नेता और बाबू खुद गरीबों के दरवाजे पर पहुंचेंगे और पूछेंगे कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला या नहीं? लेकिन देखिए, यह हो रहा है ... और पूरी ईमानदारी से हो रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से यह यात्रा शुरू हुई है, तब से लगभग 12 लाख नए लाभार्थियों ने उज्ज्वला योजना के मुफ्त गैस कनेक्शन के लिए आवेदन किया है। कुछ दिन पहले मैं अयोध्या में उज्ज्वला की 10 करोड़वीं लाभार्थी बहन के घर गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों के स्वास्थ्य की जांच हुई है। इसी समय में 1 करोड़ लोगों की टीबी की बीमारी की भी जांच हुई है। 22 लाख लोगों की सिकल सेल एनीमिया की जांच हुई है। ये सारे लोग गांव, गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के लोग हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि सरकार के इन प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ हमारी करोड़ों माताओं व बहनों को मिल रहा है। आज महिलाएं खुद आगे आकर नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। पहले ऐसी अनेक बहनें थीं, जिनके पास सिलाई, बुनाई, कढ़ाई जैसी कोई न कोई स्किल थी, लेकिन उनके पास अपना काम शुरू करने के लिए कोई साधन नहीं था। मुद्रा योजना ने उन्हें आने सपनें पूरे करने का भरोसा दिया है। आज गांव-गांव में रोजगार और स्वरोजगार के नए मौके बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में किसानों और कृषि नीति को लेकर जो चर्चाएं होती हैं, पहले की सरकारों में उनका दायरा भी बहुत सीमित था। किसान के सशक्तीकरण की चर्चा सिर्फ पैदावार और उसकी उपज की बिक्री के इर्दगिर्द ही सीमित रही। जबकि किसान को अपने दैनिक जीवन में भांति-भांति की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमारी सरकार ने किसान की हर मुश्किल को आसान करने के लिए चौतरफा प्रयास किए। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से हर किसान को कम से कम 30 हजार रुपए दिए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे किसानों को मुसीबतों से बाहर निकालने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। कृषि में सहकारिता को बढ़ावा देना हमारी इसी सोच का परिणाम है।