अयोध्या/दक्षिण भारत। श्रीराम मंदिर उद्घाटन से पहले ‘मुफ़्त प्रसाद और वीआईपी पास’ उपलब्ध कराने के अलावा, राम जन्मभूमि के लिए दान इकट्ठा करने का दावा करने वाले झूठे संदेशों के माध्यम से लोगों को धोखा देने की कोशिश करने वाले साइबर अपराधियों की बढ़ती संख्या के बीच उत्तर प्रदेश में पुलिस को सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सरकार हरकत में आ गई है और इन दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों की ओर ध्यान देने और उनका मुकाबला करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है, क्योंकि राज्य 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले उद्घाटन समारोह की तैयारी कर रहा है।
अयोध्या के सर्कल अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि शहर में पुलिस ने हाल ही में इसी तरह के तरीकों का उपयोग करके लोगों को धोखा देने में शामिल एक भारतीय-अमेरिकी नागरिक को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति कथित तौर पर वेबसाइटों और सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय मूल के नागरिकों को 51 रुपए में और अन्य देशों के नागरिकों को 11 अमेरिकी डॉलर में श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा ‘प्रसाद’ की होम डिलीवरी की पेशकश कर रहा था। आरोपी शख्स ‘श्रीराम’ थीम वाली टी-शर्ट, चांदी के सिक्के और अन्य सामान भी बेच रहा था।
अधिकारी ने कहा कि उस व्यक्ति पर 16 लाख से अधिक लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया गया था और उसके धोखाधड़ी वाले लेनदेन की राशि 10.5 करोड़ रुपए थी।
उन्होंने कहा कि भ्रामक कॉल या संदेश प्राप्त करने वाले लोगों को घटना की रिपोर्ट करने के लिए तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करना चाहिए।
श्रीराम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के प्रभारी ट्रस्ट, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने भक्तों से अपील की है कि वे बिना सत्यापन के अज्ञात लोगों के अनुरोधों या वॉट्सऐप संदेशों का जवाब न दें और उचित प्रमाणीकरण के बिना दान करने से बचें।
अधिकारी ने कहा कि पूरे राज्य और खासकर अयोध्या में पुलिस को कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे मामलों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए अयोध्या पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाया है।