नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तमिलनाडु के अधिकारियों से कहा कि वे राज्यभर के सभी मंदिरों में विशेष प्रार्थनाओं और श्रीराम मंदिर उद्घाटन समारोह के सीधे प्रसारण पर ‘प्रतिबंध’ लगाने के किसी मौखिक निर्देश के आधार पर नहीं, बल्कि कानून के अनुसार कार्य करें।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने तमिलनाडु भर के मंदिरों में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने वाले 20 जनवरी के ‘मौखिक आदेश’ को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा- मौखिक आदेशों का पालन करने के लिए कोई बाध्य नहीं है।
पीठ ने तमिलनाडु के वरिष्ठ वकील अमित आनंद तिवारी के बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि मंदिरों में ‘पूजा-अर्चना’ या अयोध्या में उद्घाटन समारोह के सीधे प्रसारण पर कोई प्रतिबंध नहीं है।