भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद को 'आदिवासी विरोधी' करार देते हुए विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को लुभाने के लिए ही उनके लिए विशेष पैकेज पेश किए हैं।
विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन चरण माझी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आदिवासियों के लिए बीजद के कार्यक्रम राज्य में एक करोड़ आदिवासी आबादी को गुमराह करने के लिए 'चुनावी हथकंडा' हैं।
माझी ने दावा किया, 'वे वास्तव में ओडिशा अनुसूचित क्षेत्र अचल संपत्ति हस्तांतरण (अनुसूचित जनजातियों द्वारा) विनियमन में संशोधन करके कॉर्पोरेट घरानों के लिए आदिवासी भूमि को हड़पने की योजना बना रहे थे। हालांकि, विभिन्न वर्गों के कड़े विरोध के चलते सरकार अपनी कोशिश में विफल रही।'
बता दें कि ओडिशा कैबिनेट ने सोमवार को आदिवासी भूमि को गैर-आदिवासियों को हस्तांतरित करने के अपने पहले के फैसले को वापस ले लिया।
भाजपा नेता ने लघु वन उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना - लघु बाना जातीय द्रव्य क्राय (लाभा)- को कैबिनेट की मंजूरी का भी मजाक उड़ाया।
माझी ने कहा, 'चुनाव नजदीक आते ही राज्य सरकार ने विशेष पैकेज की घोषणा कर आदिवासी मतदाताओं को लुभाने की योजना बनाई है। पिछले 24 वर्षों में उसने आदिवासियों के लिए क्या किया?'
लाभा योजना के अलावा, कैबिनेट ने ओडिशा की अनुसूचित जनजातियों की जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और प्रचार के लिए एक आयोग की स्थापना को भी मंजूरी दी।
अधिकारियों ने कहा कि यह राज्य में 21 जनजातीय भाषाओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने, बहुभाषी शिक्षा को प्रोत्साहित करने और भाषाई अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अलावा, कैबिनेट ने ओडिशा की अनुसूचित जनजाति सूची में 169 समुदायों को शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया।
माझी ने कहा, 'ओडिशा सरकार के आदिवासी विरोधी रवैए को विशेष पैकेजों से छुपाया नहीं जा सकता।'