संतुलित बजट

गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया बजट

यह बजट देश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करेगा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया गया अंतरिम बजट संतुलित होने के साथ ही देश के दीर्घकालीन विकास को ऊर्जा देनेवाला है। गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया यह बजट देश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करेगा। सरकार ने भविष्य के लिए विकास का खाका तैयार किया है, वहीं अतीत में प्राप्त की गईं उपलब्धियों को भी गिनाया है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने में मदद करना निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है। वहीं, पीएम-जनधन के तहत बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपए का हस्‍तांतरण होना बताता है कि एक दशक में आम लोगों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचने से वे कितने सशक्त हुए हैं। इससे 2.7 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है, जो बहुत बड़ी राशि है। अगर इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बैंक खाते न खुले होते तो बिचौलियों की 'पौ-बारह' हो जाती। सरकार को इसका श्रेय देना होगा कि जन-जन तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाने से भ्रष्टाचार से लड़ने में मदद मिली है। इस बजट में प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के बारे में की गई घोषणा ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। इससे एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। इस तरह हर परिवार सालाना 18,000 रुपए तक की बचत करने में सक्षम होगा। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि आने वाले एक दशक में भारत ऊर्जा क्षेत्र में जो कीर्तिमान रचेगा, उसकी नींव इस बजट पर टिकी है। आयुष्‍मान भारत योजना के तहत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शामिल करने से (स्वास्थ्य) सेवाओं को बल मिलेगा। रक्षा उद्देश्‍यों के लिए डीप-टेक टेक्नोलॉजी को मजबूती देने और आत्‍मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए नई योजना की शुरुआत का फैसला प्रासंगिक है।

बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत व्‍यय के परिव्‍यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसका लाभ महानगरों से लेकर गांव-ढाणियों तक के निवासियों को मिलेगा। रेल के 40,000 सामान्‍य डिब्‍बों को ‘वंदे भारत’ मानकों के अनुरूप बदलने का फैसला यात्री-सुविधाओं की दृष्टि से लाभदायक है। डिब्बों में समयानुसार इसी तरह सुविधाओं का विस्तार होना चाहिए। किराए के मकानों या झुग्गी-झोपड़ियों आदि में रहने वाले मध्यम वर्ग के पात्र लोगों को अपने मकान खरीदने या बनाने में सहायता करने के लिए योजना का शुभारंभ करने की घोषणा ने लाखों लोगों को नई उम्मीदें दी हैं। इससे उनके अपने घर का सपना साकार होगा। निर्मला सीतारमण द्वारा की गई इस घोषणा की गूंज मालदीव से लेकर चीन तक सुनाई देगी कि 'घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप सहित विभिन्‍न द्वीपों पर बंदरगाह संपर्क, पर्यटन अवसंरचना और सुविधाओं से जुड़ीं परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है।' जब राज्‍यों को विशिष्‍ट पर्यटन केंद्रों के समग्र विकास, वैश्विक स्‍तर पर उनकी ब्रांडिंग और प्रचार के लिए प्रोत्‍साहन दिया जाएगा तथा संबंधित विकास कार्यों के वित्तपोषण के लिए दीर्घावधि के ब्‍याज मुक्‍त ऋण उपलब्‍ध कराए जाएंगे, तो निश्चित रूप से देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार के अनेक अवसरों का सृजन होगा। 'लखपति दीदी' बनाने के लक्ष्‍य को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने के फैसले का लाभ महिलाओं और उनके परिवारों को मिलेगा। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर होने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' के निर्माण को ध्यान में रखते हुए तीव्र गति से जनसंख्या वृद्धि और जनांकिकी परिवर्तन को बड़ी चुनौती बताया है। इन पर विचार करने के लिए एक उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति के गठन का प्रस्ताव रखना उचित है। 'विकसित भारत' का निर्माण उसी स्थिति में संभव है, जब जनसंख्या और संसाधनों के बीच संतुलन हो। इस बजट में आयकरदाताओं को 'बड़ी राहत' मिलने की उम्मीद थी। सरकार को अगले बजट में इस पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए।

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