इस्लामाबाद/दक्षिण भारत। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। रावलपिंडी की एक अदालत ने उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को इद्दत अवधि के दौरान शादी से संबंधित मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई है।
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश कुदरतुल्ला ने अडियाला जिला जेल में एक अस्थायी अदालत में बुशरा के पूर्व पति खावर फरीद मनेका की शिकायत पर फैसला सुनाया है।
यह फैसला उसी हफ्ते आया है, जब पाक के पूर्व प्रधानमंत्री को साइफर मामले में 10 साल और तोशाखाना मामले में 14 साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
इद्दत मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद इमरान खान ने कहा कि उन्होंने सत्ता के साथ किसी भी सौदे को न तो स्वीकार किया है और न ही भविष्य में स्वीकार करेंगे। उन्होंने यहां तक कहा कि वे किसी के साथ सौदा करने के बजाय मौत को चुनेंगे।
फैसले के बाद अदालत के पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैंने कोई सौदा नहीं किया है और न ही कभी करूंगा।'
उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के ठीक बाद उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि अब उनके उम्मीदवारों को अपना अभियान चलाने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है।
इमरान खान ने संवाददाताओं से कहा कि उनके खिलाफ मामला उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को अपमानित करने के लिए दर्ज किया गया था।
उन्होंने कहा, 'इतिहास में यह पहला उदाहरण है, जहां इद्दत से संबंधित मामला शुरू किया गया है। यह भी पहली बार है कि तोशाखाना मामले में किसी को 14 साल कैद की सजा सुनाई गई है।'