ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा के खिलाफ याचिका पर वाराणसी की अदालत इस तारीख को करेगी सुनवाई

पुजारी सोमनाथ व्यास साल 1993 तक वहां पूजा-अर्चना करते थे

Photo: PixaBay

वाराणसी/दक्षिण भारत। वाराणसी की एक अदालत ने मस्जिद के एक तहखाने में हाल ही में दी गई ‘पूजा’ करने की अनुमति के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई के लिए गुरुवार को 15 फरवरी की तारीख तय की है। हिंदू पक्ष के वकील ने यह जानकारी दी है।

अधिवक्ता एमएम यादव ने कहा कि उन्होंने जिला न्यायाधीश अनिल कुमार के समक्ष कहा कि चूंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 12 फरवरी को मामले की सुनवाई होनी है, इसलिए अब जिला अदालत में इसकी सुनवाई का कोई मतलब नहीं है।

इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 15 फरवरी के लिए टाल दी। वाराणसी जिला अदालत द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदू पूजा-पाठ की अनुमति देने के खिलाफ पिछले शुक्रवार को अपील दायर करने के अलावा, अंजुमन इंतजामिया ने इसके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी एक आवेदन दायर किया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका पर सुनवाई 12 फरवरी के लिए टाल दी थी, जिसमें वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाने में हिंदू पूजा-पाठ की अनुमति दी गई थी।

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने ज्ञानवापी मस्जिद समिति की अपील पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को सुना और मामले को 12 फरवरी के लिए पोस्ट कर दिया।

उच्चतम न्यायालय द्वारा वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ उसकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करने और उसे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहने के कुछ ही घंटों के भीतर मस्जिद समिति ने 2 फरवरी को उच्च न्यायालय का रुख किया था।

वाराणसी जिला अदालत ने 31 जनवरी को फैसला सुनाया था कि एक पुजारी ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों के सामने प्रार्थना कर सकता है।

याचिका के अनुसार, पुजारी सोमनाथ व्यास साल 1993 तक वहां पूजा-अर्चना करते थे, जब अधिकारियों ने तहखाने को बंद कर दिया था।

सोमनाथ व्यास के नाना शैलेन्द्र कुमार पाठक ने वहां देवताओं की पूजा का अधिकार मांगा था।

About The Author: News Desk