नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने के नियम आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जारी किए जाएंगे और लाभार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
सीएए के तहत, मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई - को भारतीय नागरिकता देगी, जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे।
अमित शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि सीएए देश का कानून है और इसकी अधिसूचना जरूर जारी होगी। इसे चुनाव से पहले जारी किया जाएगा। चुनाव से पहले सीएए लागू कर दिया जाएगा। इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना कांग्रेस नेतृत्व का भी वादा था।
शाह ने कहा कि जब विभाजन हुआ - हिंदू, बौद्ध, ईसाई - सभी वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आना चाहते थे। उन्होंने (कांग्रेस नेताओं ने) इन लोगों को नागरिकता देने का वादा करते हुए कहा था कि आप सभी का स्वागत है। लेकिन (कांग्रेस) नेता अपनी बात से मुकर गए।
गृह मंत्री ने कहा कि वे यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएए के मुद्दे पर हमारे मुस्लिम भाइयों को भड़काया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता, क्योंकि कानून में ऐसा प्रावधान नहीं है। सीएए उन लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, जो बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करके आए हैं। इस कानून का किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।