पुरुष द्वारा अपनी मां को समय और पैसा देना घरेलू हिंसा नहींः न्यायालय

सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली एक महिला की याचिका खारिज कर दी है

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मुंबई/दक्षिण भारत। यहां एक सत्र अदालत ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत पर मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली एक महिला की याचिका खारिज कर दी है। 

उसने कहा है कि एक पुरुष द्वारा अपनी मां को समय और पैसा देना घरेलू हिंसा नहीं माना जा सकता है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आशीष अयाचित ने मंगलवार को पारित आदेश में यह भी कहा कि उत्तरदाताओं के खिलाफ आरोप अस्पष्ट और संदिग्ध हैं और यह साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है कि उन्होंने आवेदक (महिला) पर घरेलू हिंसा की।

महिला, जो मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में सहायक के रूप में काम करती है, ने सुरक्षा, मौद्रिक राहत और मुआवजे की मांग के लिए घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज की थी।

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