मोदी की डिग्रीः उच्च न्यायालय ने आपराधिक मानहानि मामले में समन रद्द करने की केजरीवाल की याचिका खारिज की

ट्रायल कोर्ट द्वारा समन और सत्र अदालत के समन के खिलाफ पुनरीक्षण आवेदन को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी

आवेदनों को खारिज करते हुए ‘आप’ नेताओं को ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखने का निर्देश दिया।

अहमदाबाद/दक्षिण भारत। गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणियों को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की आम आदमी पार्टी के नेताओं अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

अपनी याचिकाओं के माध्यम से, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मामले में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा समन और सत्र अदालत के समन के खिलाफ उनके पुनरीक्षण आवेदन को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी।

उनके आवेदनों को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति हसमुख सुथार ने दोनों ‘आप’ नेताओं को ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखने का निर्देश दिया।

समन को रद्द करने की मांग करते हुए, दोनों नेताओं ने कहा था कि गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष मानहानि का मामला दायर नहीं कर सकता है और इसके बजाय उसे सत्र अदालत में जाना चाहिए।

मेट्रोपोलिटन अदालत ने पीएम मोदी की डिग्री के संबंध में उनके ‘व्यंग्यात्मक’ और ‘अपमानजनक’ बयानों पर जीयू द्वारा दायर मानहानि मामले में पिछले साल 15 अप्रैल को केजरीवाल और सिंह को तलब किया था।

इसके बाद दोनों नेताओं ने समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक पुनरीक्षण आवेदन दायर किया।

हालांकि, सत्र अदालत ने समन को बरकरार रखा, जिसके बाद उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने अंतरिम रोक के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी।

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