बजट 2024-25: कर्नाटक में फर्जी खबरें फैलाना पड़ेगा महंगा, निगरानी के लिए बनेगी इकाई

राज्य सरकार दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी

शिवमोग्गा जिले में 100 करोड़ रुपए की लागत से उच्च सुरक्षा वाली जेलों का निर्माण किया जाएगा

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने शुक्रवार को कहा कि फर्जी खबरें फैलाकर समाज में असुरक्षा और भय पैदा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से एक सूचना विकार निपटान इकाई का गठन किया जाएगा।

विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

सिद्दरामैया ने कहा, जैसा कि राष्ट्रकवि कुवेम्पु ने वर्णित किया है, हमारा राज्य कर्नाटक सभी समुदायों के लिए शांति का उद्यान है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों से, विभिन्न धर्मों, भाषाओं, संस्कृतियों और समुदायों के लोग इस भूमि में सद्भाव से रह रहे हैं। इसलिए हमारी सरकार जाति, धर्म और भाषा के नाम पर दंगा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

इन्फॉर्मेशन डिसऑर्डर ट्रैकिंग यूनिट पर उन्होंने कहा कि गृह विभाग में एक विशेष सेल यूनिट बनाई जाएगी, जो फर्जी खबरें फैलाकर समाज में असुरक्षा और भय पैदा करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने के लिए सशक्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी खबरों और अन्य साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, निर्दोष लोगों को धोखा देने वालों के खिलाफ जांच करने और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए राज्य में साइबर अपराध शाखा को मजबूत करने के उद्देश्य से 43 सीईएन (साइबर, आर्थिक और नारकोटिक्स) पुलिस स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा।

राज्य की सभी जेलों में सुचारु प्रशासन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पांच करोड़ रुपए की लागत से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर, बैगेज स्कैनर और अन्य अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि शिवमोग्गा जिले में 100 करोड़ रुपए की लागत से उच्च सुरक्षा वाली जेलों का निर्माण किया जाएगा।

अग्निशमन और आपातकालीन विभाग की दक्षता बढ़ाने के लिए, कर्नाटक अग्निशमन बल अधिनियम, 1964 के अनुसार नवनिर्मित बहुमंजिला इमारतों के संपत्ति कर पर एक प्रतिशत उपकर लगाया जाएगा।

पुलिस गृह-2025 योजना के तहत अब तक 1128 पुलिस क्वार्टरों का निर्माण किया जा चुका है और 800 करोड़ रुपए की लागत से 2956 पुलिस क्वार्टरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के लिए वर्ष 2024-25 में 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।

जिन पुलिस स्टेशनों और कार्यालयों में भवन नहीं हैं, उनके लिए 30 करोड़ रुपए की लागत से स्वयं के भवन का निर्माण किया जाएगा और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की मोबाइल फोरेंसिक और ऑडियो-विजुअल शाखा को मजबूत करने के लिए आवश्यक उपकरण और सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराए जाएंगे।

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