उन महिलाओं की सेवा करना चाहती हूं, जो आत्मविश्वास से जुड़ी लड़ाई लड़ रही हैं: संस्कृति जायसवाल

संस्कृति उम्र को महज एक संख्या मानते हुए कहती हैं कि सपनों के लिए समाप्ति की कोई तारीख नहीं होती है

वे जीवन में सहनशीलता और निडरता, दोनों को जरूरी मानती हैं

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। हौट मोंडे मिसेज इंडिया वर्ल्डवाइड 2024, सीजन 13 की फाइनलिस्ट संस्कृति जायसवाल अपनी कई खूबियों के कारण सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। जब उन्होंने मिसेज इंडिया पेजेंट के फाइनल में प्रवेश किया तो उनकी 'कहानी' ने सबको प्रेरित किया। 

संस्कृति उम्र को महज एक संख्या मानते हुए कहती हैं कि सपनों के लिए समाप्ति की कोई तारीख नहीं होती है। वे जीवन में सहनशीलता और निडरता, दोनों को जरूरी मानती हैं।

संस्कृति जायसवाल बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। वे पत्नी, उद्यमी, सशक्तीकरण की प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने अपनी उद्यमिता की यात्रा खाद्य उद्योग से शुरू की, जहां कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना किया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से पहचान बनाई और आज उनका उद्यम दिन में अनगिनत लोगों को सेवा प्रदान करता है।

संस्कृति के लिए सबसे बड़ी चुनौती तब पैदा हुई, जब उन्होंने महिलाओं की टीम बनाने की कोशिश की। उस दौरान सामाजिक व पारिवारिक कारणों से कई महिलाएं कार्यशाला में नहीं आईं। संस्कृति ने अपनी टीम को आत्मविश्वास दिया। 

अपनी टीम के साथ संस्कृति जायसवाल

संस्कृति ने पाया कि कई महिलाओं को विवाह के बाद आय के स्रोत के अभाव में विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर न होने से परिवार में कई तरह की चुनौतियां पैदा हो जाती हैं। वित्तीय असुरक्षा महिलाओं के आत्म-सम्मान को प्रभावित करती है। संस्कृति उन्हें विश्वास और हौसला देती हैं। वे बताती हैं कि इस स्थिति से निकलने का एकमात्र तरीका उन्हें आत्मविश्वास और सहयोग देना है, ताकि वे खुद को बेहतर बना सकें।

वे कहती हैं, 'मैंने अपने जीवन में कई महिलाओं से प्रेरणा प्राप्त की है। समाज को महिलाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए। मैं उन महिलाओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में सेवा करना चाहती हूं, जो आत्मसंदेह और आत्मविश्वास से जुड़ी लड़ाई लड़ रही हैं।'

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