पहले की सरकारें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को टुकड़ों में देखती थीं: मोदी

प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में जीसीएमएमएफ के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में दूध उत्पादन में करीब 60 प्रतिशत वृद्धि हुई है

अहमदाबाद/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद में जीसीएमएमएफ के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुजरात के गांवों ने मिलकर 50 वर्ष पहले जो पौधा लगाया था, वह आज विशाल वटवृक्ष बन गया है। इसकी शाखाएं देश-विदेश तक फैल चुकी हैं। उन्होंने गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की स्वर्ण जयंती पर सभी को शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के बाद देश में बहुत से ब्रांड बने, लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं। आज अमूल भारत के पशुपालकों की सामर्थ्य की पहचान बन चुका है। उन्होंने कहा कि अमूल यानी विश्वास, विकास, जनभागीदारी, किसानों का सशक्तीकरण, समय के साथ आधुनिकता का समावेश, आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा, बड़े सपने, बड़े संकल्प और उससे भी बड़ी सिद्धियां।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे पशुपालकों की यह संस्था आज जिस बड़े पैमाने पर काम कर रही है, वही तो संगठन की शक्ति है, सहकार की शक्ति है। यह 'सरकार' और 'सहकार' का अद्भुत तालमेल है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनकर उभरा है। आज भारत में करीब 8 करोड़ लोग सीधे तौर पर डेयरी सेक्टर से जुड़े हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में ही भारत में दूध उत्पादन में करीब 60 प्रतिशत वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता भी करीब 40 प्रतिशत बढ़ी है। दुनिया मे डेयरी सेक्टर सिर्फ 2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है। भारत में यह 6 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की असली रीढ़ महिलाशक्ति है। आज अमूल सफलता की जिस ऊंचाई पर है, वह सिर्फ और सिर्फ महिला शक्ति की वजह से है। आज जब भारत महिलाओं के नेतृत्व में विकास के साथ आगे बढ़ रहा है, तो भारत के डेयरी सेक्टर की यह सफलता उसके लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए भारत की प्रत्येक महिला की आर्थिक शक्ति बढ़नी आवश्यक है, इसलिए हमारी सरकार आज महिलाओं की आर्थिक शक्ति बढ़ाने के लिए भी चौतरफा काम कर रही है। मुद्रा योजना के तहत सरकार ने जो 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद दी है, उसकी करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी बहन-बेटियां ही हैं।

गांधीजी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त होना जरूरी है। पहले की सरकारें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को टुकड़ों में देखती थीं। हम गांव के हर पहलू को प्राथमिकता देते हुए काम को आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा फोकस है... छोटे किसान का जीवन कैसे बेहतर हो, पशुपालन का दायरा कैसे बढ़े, पशुओं का स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो, गांव में पशुपालन के साथ ही मछलीपालन और मधुमक्खी पालन को कैसे प्रोत्साहित किया जाए?

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पहली बार पशुपालकों और मछली पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है। हमने किसानों को ऐसे आधुनिक बीज दिए हैं, जो जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर सकें। भाजपा सरकार राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसे अभियानों के माध्यम से दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने का भी काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसान कल्याण सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सरकार ने देश भर में 60,000 से अधिक अमृत सरोवर बनाए हैं। इस पहल से न सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। हमारा लक्ष्य देश के छोटे किसानों तक भी आधुनिक तकनीक और उसकी जानकारी पहुंचाना है।

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