कृष्णानगर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में सार्वजनिक जनसभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस पर खूब शब्दबाण छोड़े। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह धरती भगवान श्रीकृष्ण भक्ति के परम प्रचारक चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली है। चैतन्य महाप्रभु की चरणों में नमन करता हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि भगवान श्रीकृष्ण ने जो द्वारकानगरी बसाई थी, जो समुद्र के अंदर डूब चुकी थी, अभी कुछ दिन पहले मुझे समुद्र की गहराई में जाकर उस पुरातन श्रीकृष्ण की भूमि को नमन करने का सौभाग्य मिला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी को इतनी बड़ी संख्या में यहां एकत्रित देखकर मुझे यह कहने का आत्मविश्वास मिल रहा है कि राजग सरकार, 400 पार! यह पश्चिम बंगाल में मेरा दूसरा दिन है। पिछले दो दिनों में मुझे बंगाल के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने का अवसर मिला। इससे निवेश आएगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पड़ोसी क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में जिस तरह तृणमूल कांग्रेस की सरकार चल रही है, उसने बंगाल को निराश कर दिया है। पश्चिम बंगाल की जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ तृणमूल कांग्रेस को बार-बार इतना बड़ा जनादेश दिया है, लेकिन तृणमूल अत्याचार और विश्वासघात का दूसरा नाम बन गई है। तृणमूल कांग्रेस के लिए बंगाल का विकास नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और परिवारवाद ही प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि बंगाल के लोग गरीब रहें, ताकि उनकी गंदी राजनीति चलती रहे। मैंने कहा कि पश्चिम बंगाल को पहला एम्स मिलेगा। यह थी मोदी की गारंटी और, कुछ दिन पहले मैंने एम्स का उद्घाटन किया था। अब, बंगाल सरकार को हमारे द्वारा उद्घाटन किए गए एम्स से समस्या है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों को 5 लाख रुपए की चिकित्सा सहायता देती है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार बंगाल के लोगों को केंद्र की इस पहल का लाभ नहीं उठाने देती है। हमने पश्चिम बंगाल की चिकित्सा स्थिति में सुधार के लिए प्रयास किए। साल 2014 से पहले, बंगाल में केवल 14 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। पिछले 10 वर्षों में यह संख्या लगभग दोगुनी होकर 26 हो गई है।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि मां, माटी और मानुष, सभी तृणमूल कांग्रेस के कुशासन में रो रहे हैं। संदेशखाली की बहनें इंसाफ की गुहार लगाती रही, लेकिन तृणमूल सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी। बंगाल में स्थिति यह है कि यहां पुलिस नहीं, बल्कि अपराधी तय करते हैं कि उन्हें कब सरेंडर करना है, कब गिरफ्तार करना है।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तो चाहती ही नहीं थी कि संदेशखाली का गुनहगार गिरफ्तार हो। लेकिन जब यह बंगाल की नारी शक्ति दुर्गा बनकर खड़ी हो गई और भाजपा के कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हो गए, तब मजबूरन इस राज्य सरकार को झुकना पड़ा।