बेंगलूरु/दक्षिण भारत। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के मुद्दे पर अभी तक चर्चा नहीं की है और कैबिनेट इस पर फैसला करेगी।
केंद्र ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन की घोषणा की। यह कदम इस कानून के पारित होने के चार साल बाद उठाया गया है और पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करेगा।
परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमने अभी तक इस पर चर्चा नहीं की है। यदि मुख्यमंत्री कहते हैं कि इस पर कैबिनेट में चर्चा कर निर्णय लेना होगा तो हम इस पर निर्णय लेंगे। इसे स्वीकार करना है या अस्वीकार करना है, इसका फैसला कैबिनेट को करना है।'
लोकसभा चुनाव की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले नियमों को अधिसूचित किया गया है। इसके साथ, मोदी सरकार अब तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिक्ख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई - को भारतीय नागरिकता देनी शुरू कर देगी।