बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने बेंगलूरु में पेयजल की समस्या के संबंध में सोमवार को अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में उसे साझा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने कावेरी और काबिनी में पर्याप्त पानी इकट्ठा कर लिया है। कावेरी में 11.02 टीएमसी, काबिनी में 9.02 टीएमसी पानी का भंडारण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14,000 सरकारी बोरवेल में से 6,900 सूखे हैं, इसलिए समस्या है। 110 गांवों में से 55 गांवों में समस्या है। जून के अंत तक कावेरी चरण 5 का काम पूरा होने के बाद 775 एमएलडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध होगा। इससे 110 गांवों को आपूर्ति होगी। हम 313 स्थानों पर नए बोरवेल खोद रहे हैं। 1,200 निष्क्रिय बोरवेल को पुनर्जीवित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केएमएफ सहित सभी निजी टैंकरों को ऊंचे इलाकों और बोरवेल पर निर्भर क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए कहा है। कंट्रोल रूम के नंबर पर शिकायत प्राप्त होते ही उन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया है। टास्क फोर्स को एचवीसी शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्कों में पेयजल का उपयोग न करने, शुद्ध जल का उपयोग करने का निर्देश दिया है। केसी वैली की तरह बेंगलूरु की झीलों को भी भरने का निर्देश दिया गया है। सूख चुकी 14 प्रमुख झीलों को भरने के निर्देश दिए गए हैं। इससे बोरवेल भूजल से रिचार्ज होंगे।
पीने के पानी के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। सरकार और बीबीएमपी पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करा रहे हैं। अधिकारी प्रतिदिन बैठक कर सप्ताह में एक बार कार्ययोजना तैयार करें। भविष्य में पानी की कमी न हो, इसके लिए विशेषज्ञ समिति बनाने की दिशा में कदम उठाया गया है। यह स्पष्ट कहा गया है कि शिकायत की स्थिति में बीबीएमपी, बीडब्ल्यूएसएसबी जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेंगलूरु में 500 एमएलडी पानी की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। जो लोग बोरवेल पर निर्भर हैं, उन्हें पानी की समस्या से बचने के उपाय करने की सलाह दी गई है। 1,700 पानी टैंकर पंजीकृत हैं। मॉल समेत निजी बोरवेल, टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की बर्बादी न हो, इसका स्पष्ट निर्देश दिया गया है। जनता को पेयजल की बर्बाद नहीं करना चाहिए। पीने योग्य पानी का उपयोग बगीचों में न करने की चेतावनी दी गई है। वर्षा जल का संचयन करने, उपयोग किए गए पानी को शुद्ध करने और बड़ी मात्रा में इसका पुन: उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीने और उद्योगों के लिए कुल 2,600 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। इसमें से 1,450 एमएलडी कावेरी नदी से पानी मिलता है। ट्यूबवेलों से 650 एमएलडी पानी मिलता है। 500 एमएलडी पानी की कमी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुझाव दिया गया है कि मुख्य रूप से ऊंचे इलाकों और बीबीएमपी में नए जोड़े गए 110 गांवों में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। इसमें पानी के दुरुपयोग को रोकने का सुझाव दिया गया है। इस संबंध में 143 टास्क फोर्स काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतें केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर 1916 और वॉट्सऐप के माध्यम से दर्ज की जा सकती हैं। इन शिकायतों पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए। बेंगलूरु शहर की प्रमुख झीलों को उपचारित जल से भरकर भूजल स्तर बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सूखे को पांच महीने हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार से राज्य को एक भी पैसा नहीं दिया है। क्यों? 18,171 करोड़ रु. सूखा राहत राशि मांगी गई थी। एक भी रुपए का भुगतान नहीं हुआ। 48 हजार हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो गई, लेकिन सूखा राहत नहीं दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही केंद्र से कोई पैसा नहीं आ रहा है, लेकिन हमने राज्य के खजाने से किसानों को सूखा राहत दी है। सूखे के दौरान नरेगा दिवस बढ़ाने को कहा है। ऐसा आज तक नहीं हुआ है। क्या केंद्र सरकार सिर्फ जीएसटी लागू करने, टैक्स वसूलने और रखने तथा राज्यों के साथ अन्याय करने के लिए है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में प्रत्याशियों की संख्या बढ़ी है। भाजपा के पास उम्मीदवारों की कमी है। वे हम पर आरोप लगा रहे हैं। हमने वैसा ही किया, जैसा कहा था। हमने जनता का काम किया है। लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर उन्हें धोखा नहीं दिया जाता। इस प्रकार हम कम से कम 20 लोकसभा सीटें जीतेंगे।
भाजपा नेताओं के यह कहने पर कि वे राम और मोदी के नाम पर चुनाव में उतरेंगे, मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मोदी ने जिन निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार किया, वहां कांग्रेस ने जीत हासिल की। यह मोदी के अभियान का नतीजा है।