जयपुर/दक्षिण भारत। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का मुद्दा फिर से उठाते हुए कहा कि एनआईए इस मामले में कुछ नहीं कर पाई| हमारी सरकार होती तो आरोपियों को फांसी दे दी जाती| गहलोत ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से मार्मिक अपील कर कांग्रेस को आशीर्वाद देने की बात भी कही|
गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार को अपना करीब 8 मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह प्रदेश की जनता से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों को आशीर्वाद देने की बात कह रहे हैं| उन्होंने विधानसभा चुनाव में हार और अपने समय की योजनाओं का भी इस वीडियो में जिक्र किया है|
गहलोत ने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हम सबको विश्वास था कि सरकार रिपीट होगी| आम जनता में भी यह भावना थी, क्योंकि जो काम हुए और शिक्षा,स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा की जो योजनाएं बनी थी| कोई क्षेत्र ऐसा नहीं था, जिसे लेकर कोई योजना नहीं बनी थी| हमने महंगाई राहत शिविर चलाएं, जिनमें किसानों को और उपभोक्ताओं को बिजली की छूट दी गई| महंगाई के इस दौर में हर क्षेत्र के लोगों को राहत मिली थी|
बेरोजगारी के दौर में जितनी नौकरी हमने दी, देश में कहीं भी नहीं मिली| प्रदेश अपनी योजनाओं को लेकर आजादी के बाद पहली बार देश में चर्चा में आया| कई प्रदेशों में हमारी योजनाओं को अपनाया जा रहा है| इस माहौल में चुनाव हुए थे, लेकिन दुर्भाग्य से चुनावी अभियान में केंद्रीय नेताओं और अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने हम पर झूठे आरोप लगाए| विधानसभा चुनाव से पहले मोदी तक ने कह दिया कि हिंदुओं को पांच लाख मिले और मुसलमानों को ५० लाख दिए गए| ये झूठ जुमला बन गया| हमने कन्हैयालाल हत्याकांड में ध्यान रखा| दो घंटे में आरोपियों को पकड़ लिया| दो बच्चों को नौकरी दे दी और ५० लाख रुपए भी दिए| यह केस एनआईए ने ले लिया, जो अब कुछ नहीं कर पा रहे हैं|
केस हमारे पास होता तो अभी तक आरोपियों को फांसी की सजा हो जाती| गहलोत ने आगे कहा कि दुर्भाग्य से झूठे प्रचार किए गए कि राजस्थान में रेप बहुत ज्यादा हो रहे हैं| कानून व्यवस्था नहीं है, विकास ठप हो गया है| झूठे आरोपों के कारण वह जनता को गुमराह करने में कामयाब हुए हैं| हमारी सरकार नहीं बन पाई| अब सरकार बने तीन महीने हो गए हैं| अभी तक तो काम करना शुरू ही नहीं कर पा रहे हैं| हमारी योजनाओं को बंद या कमजोर करने का काम किया गया है| राजीव गांधी युवा मित्रों को नहीं बख्शा गया| राजीव गांधी के नाम से एतराज था तो नाम बदल देते, कम से कम उनके काम को देखते कि किस तरह वे सरकारी योजनाओं को घर-घर पहुंचा रहे थे|
आज राशन की दुकान वालों को 6-6 महीने से कमीशन नहीं मिल रहा है| ऐसे कई उदाहरण हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि यह सरकार काम नहीं कर पा रही है| इस माहौल में हम चल रहे हैं| अब लोकसभा के चुनाव आ गए हैं और हमारे पास जो फीडबैक आ रहा है कि गांव-गांव में लोग हमारी सरकार की योजनाओं को याद कर रहे हैं| हमारी गवर्नेंस को याद कर रहे हैं| माहौल बन रहा है कि हम चुनाव जीत सकते हैं|
गहलोत ने कहा कि इतिहास गवाह है कि दो बार 25 सांसद भी जीते थे| आप बता दीजिए कि 25 सांसदों ने हमारे लिए कोई आवाज उठाई क्या, सरकार की योजनाओं के बारे में कोई बात की क्या? उन लोगों ने केंद्र से ईआरसीपी तक के मामले में गुमराह किया| प्रधानमंत्री का वादा भी पूरा नहीं किया गया| इस हालत में लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं| राजस्थान में हम चुनाव जरूर हारे हैं पर हमारा वोट प्रतिशत कम नहीं हुआ है, बल्कि बढ़ा है| यह इस बात का प्रतीक है कि जनता ने विश्वास प्रकट किया है| अशोक गहलोत ने इस अपील में जनता से कांग्रेस प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में आशीर्वाद देने की बात कही|