बेंगलूरु/दक्षिण भारत। संयुक्त कौशल और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के तहत, भारतीय वायुसेना ने 18 मार्च को आईएनएस हंसा में पूरी तरह से स्वदेशी ढंग से विकसित रडार सिम्युलेटर का संचालन करके नौसेना के साथ पहला उत्पादक कदम उठाया है।
पूरा सॉफ्टवेयर डिजाइन और विकास सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एसडीआई), एएफ में इन-हाउस किया गया। यह कार्य रिकॉर्ड 8 महीने में पूरा हुआ है।
एसडीआई बेंगलूरु स्थित आईएएफ का प्रमुख सॉफ्टवेयर प्रतिष्ठान है और एवियोनिक्स सॉफ्टवेयर डिजाइन विकास, एकीकरण और परीक्षण तथा उड़ान योग्यता प्रमाणन में महारत रखता है।
पांच नौसैनिक अड्डों को इस स्वदेशी प्रणाली से सुसज्जित करने की योजना है, जिसमें भारतीय नौसेना हार्डवेयर की आपूर्ति करेगी और वायुसेना संपूर्ण परिचालन सॉफ्टवेयर मुहैया कराएगी।
प्रणाली में सर्विलांस रडार एलीमेंट (एसआरई), प्रिसिजन एप्रोच रडार (पीएआर), इंस्ट्रक्टर वर्क स्टेशन, रिकॉर्ड एंड रीप्ले और वॉयस एलीमेंट शामिल हैं। सिम्युलेटर उनके प्रशिक्षण संस्थानों में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) नियंत्रकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करता है।
यह उन्नत सॉफ्टवेयर सुविधाओं के साथ एक उन्नत प्रणाली है। इसे वायुसेना के 50 एयरबेस पर भी संचालित करने की योजना है।
कमांडेंट एसडीआई ने यह भी संकेत दिया कि नौसेना और वायुसेना के लड़ाकू विमानों पर एवियोनिक्स सिस्टम एकीकरण के क्षेत्र में संयुक्त कार्य भी चल रहा है।