नई दिल्ली/दक्षिण भारत। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ मतभेद का हवाला देकर यह कदम उठाया है।
उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
लोकसभा चुनाव के बीच अरविंदर सिंह लवली का यह इस्तीफा कांग्रेस को दिल्ली में बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि साल 1998 से 2013 के बीच राष्ट्रीय राजधानी में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के लगातार तीन कार्यकाल में लवली कैबिनेट में बड़ा नाम थे।
उन्हें साल 2015 में पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। उसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। वे कुछ महीने भाजपा में भी रहे थे। लवली ने पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था।
आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में इंडि गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ रही है। यहां इस साल फरवरी में 'आप' और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी थी। इसके बाद 'आप' ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे। वहीं, कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
'आप' को नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली सीटें दी गई हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से मैदान में उतरे हैं।
पहले, 'आप' राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक कांग्रेस को देना चाहती थी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटें भाजपा ने जीती थीं। उसने साल 2019 में भी यही सिलसिला दोहराया था।