पेशावर/डेरा इस्माइल खान/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में दक्षिण वजीरिस्तान के जिला एवं सत्र जज शकीरुल्ला मारवत, जिन्होंने एक दिन पहले अपहरण किए जाने के बाद अपने अपहर्ताओं की मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार और न्यायपालिका से अपील की थी, को रविवार देर रात आतंकवाद निरोधक विभाग ने ढूंढ़ निकाला।
डेरा इस्माइल खान सीटीडी ने कहा कि अपहृत जज 'बिना शर्त' बरामद होने के बाद सुरक्षित घर पहुंच गए। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री बैरिस्टर मोहम्मद अली सैफ के सूचना सलाहकार ने भी बाद में जज की सुरक्षित रिहाई की पुष्टि की।
एक मिनट लंबे संदेश में सत्र न्यायाधीश ने कहा कि उनकी रिहाई तभी संभव है, जब आतंकवादियों की मांगें स्वीकार कर ली जाएं। उन्होंने कहा, 'मैं संघीय और प्रांतीय सरकारों, पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों और पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं कि तालिबान की मांगें स्वीकार की जाएं और जितना जल्दी हो सके, मेरी बरामदगी सुनिश्चित की जाए।'
मारवत के अपहरण की प्राथमिकी रविवार को आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 7 और अन्य प्रावधानों के तहत काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।
सीटीडी के एक अधिकारी ने कहा कि जज के ड्राइवर शेर अली खान महसूद ने एफआईआर में कहा है कि वे मारवात के साथ डीआई खान जा रहे थे, जब अत्याधुनिक हथियारों से लैस 25 से 30 लोगों ने गैराह मोहब्बत मोड़ पर उनकी कार को रोक लिया, जिससे उन्हें मजबूर होकर रुकना पड़ा। इसके बाद उन लोगों ने वाहन पर गोलियां चलाईं।
बाद में अपहृत न्यायाधीश को ढूंढ़ने के लिए डीआई खान और टैंक के सीटीडी अधिकारियों की संयुक्त जांच टीम का गठन किया गया। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान के दौरान जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।