बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु पुलिस ने सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट के सिलसिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय को तलब किया है| अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी|
इस पोस्ट में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों को किसी खास उम्मीदवार को वोट न देने के लिए कथित रूप से धमकाया गया है| अधिकारियों के मुताबिक उन्हें (नड्डा एवं मालवीय को) यहां ‘हाई ग्राउंड्स’ थाने में जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है|
बेंगलूरु पुलिस के समन में कहा गया है, ‘उक्त मामले की जांच के सिलसिले में, आपको इस नोटिस की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर हाई ग्राउंड्स पुलिस थाने में पूर्वाह्न ११ बजे अधोहस्ताक्षरी जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है|’
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर भाजपा की ओर से पोस्ट किये गए एक वीडियो में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के सदस्यों को एक विशेष उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए डराया-धमकाया गया है|
प्रदेश कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता का कथित रूप से उल्लंघन करने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग से कार्रवाई करने की मांग की थी, जिसके बाद पुलिस ने नड्डा, मालवीय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की थी|
कांग्रेस ने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को दी शिकायत में प्रदेश भाजपा के आधिकारिक अकांउट से चार मई को एक्स’ पर साझा किये गये एक वीडियो का उल्लेख किया है| कांग्रेस का आरोप है कि इस अकाउंट का संचालन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के निर्देश पर पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय करते हैं|
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा, सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए उक्त वीडियो में राहुल गांधी और (मुख्यमंत्री) सिद्दरामैया के एनिमेटेड किरदार दिखाए गए हैं| वीडियो क्लिप में एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय को एक घोंसले में रखे अंडों’ के तौर पर दिखाया गया है तथा इसमें राहुल गांधी को मुस्लिम समुदाय नाम से एक बड़ा अंडा रखते हुए भी दिखाया गया है|
कांग्रेस ने कहा, ‘इसे इस तरह से प्रदर्शित किया गया है कि जैसे कि मुस्लिम समुदाय को दर्शाने वाले चूजे को धन दिया जा रहा हो, जो बाद में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को (घोंसले से) बाहर निकाल देता है|’