बीबीएमपी ने 185 झीलों के कायाकल्प के लिए कॉर्पोरेट्स और निकायों से प्रस्ताव आमंत्रित किए

सीआईएलसी नीति अनुमोदन के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष रखी गई है

झील संरक्षण और कायाकल्प के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बीबीएमपी ने अगले चार वर्षों के भीतर बेंगलूरु सीमा में 185 झीलों के कायाकल्प का लक्ष्य रखा है।

बेंगलूरु चैंबर्स ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स (बीसीआईसी) द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए बीबीएमपी वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन (एफईसीसी) की आयुक्त प्रीति गहलोत ने कहा कि शहर में बीबीएमपी सीमा के भीतर 202 झीलें हैं। बाकी 17 झीलें कायाकल्प से परे हैं या उन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है।

उन्होंने कहा, 'हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें अतिक्रमण, सीवेज प्रवाह, ठोस अपशिष्ट डंपिंग आदि शामिल हैं। कुछ मामलों में, रासायनिक प्रवाह भी है। अपर्याप्त धन और कर्मचारियों की कमी और अंतरविभागीय तालमेल के साथ ये कारक उचित योजना को प्रभावित करते हैं।'

उन्होंने कहा, 'भूगोल और भू-तकनीकी पहलुओं की उचित समझ सहित तकनीकी ज्ञान की कमी भी झील कायाकल्प के धीमे विकास का कारण है। हमने दीर्घकालिक प्रभाव वाली पहल करने के लिए एक व्यापक योजना पर काम करने के वास्ते बीबीएमपी के भीतर बेंगलूरु जलवायु कार्य योजना भी स्थापित की है।'

प्रीति गहलोत ने कहा, 'जिन सात क्षेत्रों पर हमने काम करने की पहचान की है, उनमें परिवहन, ऊर्जा और भवन, ठोस अपशिष्ट, जल और अपशिष्ट जल, वायु गुणवत्ता, शहरी नियोजन, हरियाली और जैव विविधता और आपदा लचीलापन शामिल हैं।'

उन्होंने कहा कि बीबीएमपी ने अपनी सामुदायिक भागीदारी झील संरक्षण नीति 2024 कर्नाटक उच्च न्यायालय को सौंप दी है, जिसे मंजूरी मिलने पर जनता के लिए पेश किया जाएगा। जबकि हम उच्च न्यायालय से अनुमोदन का इंतजार कर रहे हैं, हम कॉर्पोरेट्स, व्यक्तिगत निकायों, या निवासी कल्याण संघों को शहर में झीलों के संरक्षण और कायाकल्प के लिए संपत्ति और रखरखाव के संदर्भ में योगदान करने के प्रस्तावों के साथ आगे आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सौंदर्यीकरण प्राथमिकता नहीं है। स्क्रीनिंग प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रस्तावों में तकनीकी टीम के समर्थन के साथ-साथ फंडिंग की स्पष्टता भी होनी चाहिए। हमारा ध्यान पूरी तरह क्रियान्वयन पर है। अगले 3 से 4 महीनों में विभिन्न हितधारकों के साथ उचित योजना बनाकर झीलों के दृष्टिकोण से जल संकट को हल करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

उद्घाटन भाषण देते हुए बीसीआईसी अध्यक्ष और टीवीएस मोटर कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. एस देवराजन ने कहा, 'हालांकि जल संरक्षण की कई पहल की गई हैं। फिर भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। बीसीआईसी को शहर में पानी की स्थिति से निपटने के लिए बीबीएमपी को कोई भी सहायता देने में खुशी होगी।'

सीएसआर और सोशल ब्रांडिंग विशेषज्ञ समिति, बीसीआईसी अध्यक्ष और वोल्वो ग्रुप निदेशक जीवी राव ने कहा, 'झीलें हमारी जीवन रेखाएं हैं, न कि सिर्फ जलाशय। झील संरक्षण को प्राथमिकता देना सर्वोपरि है, क्योंकि निष्क्रियता के परिणाम गंभीर होते हैं। आज हमारे पास सरकार, उद्योग, नागरिक समूहों के बीच सामूहिक कार्रवाई का बड़ा अवसर है। मंजूरी मिलने में जटिलता और अन्य कानूनी मुद्दों के कारण कई कॉर्पोरेट्स झील के पुनरुद्धार के लिए आगे आने से झिझक रहे हैं। बीबीएमपी द्वारा अपने नीतिगत ढांचे के माध्यम से झील के पुनरुद्धार के लिए साझेदारी के रास्ते खोलने के साथ हमारा मानना है कि कई लोग इस दिशा में काम करने के लिए आगे आएंगे।

प्रीति गहलोत ने कहा, 'हम झील संरक्षण और कायाकल्प के लिए प्रमुख और गैर-प्रमुख दोनों कार्यों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करते हैं। झील कायाकल्प कार्य के मुख्य घटकों में बाड़ लगाना, गाद निकालना, मुख्य बांध सुधार, परिधीय बांध निर्माण, इनलेट स्ट्रीम से गाद हटाना, नाले का जीर्णोद्धार, सीवेज उपचार और जल संतुलन के लिए आर्द्रभूमि का निर्माण और स्लुइस गेट और आउटलेट सुधार का निर्माण शामिल है।'

उन्होंने बताया कि गैर-प्रमुख कार्यों में बांध क्षेत्र पर पैदल मार्ग में सुधार, सुरक्षा, गेट और डिस्प्ले बोर्ड का निर्माण, पार्क क्षेत्र, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, ओपन जिम उपकरण, सीसीटीवी, लाइट पोल, पानी की गुणवत्ता की डिजिटल निगरानी जैसी सुविधाओं का निर्माण शामिल है। झीलों के विकास के लिए, हम जैव विविधता बनाए रखने के वास्ते एरेटर, फ्लोटिंग आइलैंड्स की स्थापना और झील में मछलियां छोड़ने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करते हैं।

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