नई दिल्ली/दक्षिण भारत। सीबीआई ने उन स्थानीय लोगों के बीच विश्वास पैदा करने के अपने उपायों के तहत संदेशखाली में एक शिविर स्थापित किया है, जिन्हें कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के बारे में केंद्रीय एजेंसी को बताने के लिए परेशान किया जा रहा था। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा संरक्षित शिविर जांच अधिकारियों को 'ग्राउंड जीरो' से काम करने और जानकारी एकत्र करने का अवसर भी देगा।
यह कदम कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा एजेंसी को उन मामलों में विश्वास-निर्माण के उपाय करने के निर्देश की पृष्ठभूमि में उठाया गया है, जहां शिकायतकर्ता पर्याप्त सुरक्षा चाहते हैं।
याचिकाकर्ता-वकील प्रियंका टिबरेवाल ने अदालत को बताया था कि भयावह घटनाओं का विवरण देने वाले हलफनामे दाखिल करने के बावजूद, यौन उत्पीड़न की कुछ पीड़िताएं डर के कारण बोलने से झिझक रही हैं।
उन्होंने पहले की सुनवाई के दौरान अदालत में कई सौ शिकायतें प्रस्तुत की थीं, जिनमें यौन हिंसा, भूमि पर कब्जा, हमला और संपत्ति को नष्ट करने के आरोप शामिल थे।
इसके बाद अदालत ने कहा, 'एक प्रमुख जांच एजेंसी के रूप में, उनके पास पीड़ितों के सही बयान दर्ज करने के लिए सभी साधन और विशेषज्ञता होगी।'