तेहरान/दक्षिण भारत। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन होने के बाद इस मुल्क की बागडोर कौन संभालेगा? यह सवाल आज सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में है।
ईरानी संविधान में ऐसी परिस्थिति के लिए पहले ही स्पष्ट प्रावधान किया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोटों के अनुसार, ईरानी संविधान (जो वर्ष 1979 में अपनाया गया) के पहले संस्करण के अनुच्छेद 130 और 131 में इस संबंध में उल्लेख किया गया है।
ऐसी परिस्थिति में उपराष्ट्रपति - जो अब मोहम्मद मोखबर हैं - राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे और उनके कर्तव्यों को ग्रहण करेंगे।
ऐसा राष्ट्रपति की बर्खास्तगी, त्यागपत्र, अनुपस्थिति, बीमारी या मृत्यु के कारण अपने कानूनी कर्तव्यों को पूरा करने में असमर्थ होने पर किया जा सकता है।
संविधान में कहा गया है कि ये जिम्मेदारियां इस्लामी क्रांति के नेता की मंजूरी के साथ प्रथम उपराष्ट्रपति को हस्तांतरित की जाती हैं और 50 दिनों में देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव करना होता है।
ईरानी राजनीतिक पदानुक्रम के अनुसार, राज्य के प्रमुख इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्ला सैयद अली खामेनेई हैं। राष्ट्रपति को सरकार का प्रमुख, शासन में दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है।
अचानक मृत्यु के मामले में, उपराष्ट्रपति से नए राष्ट्रपति का चुनाव होने तक संक्रमणकालीन अवधि के दौरान देश का मार्गदर्शन करने की उम्मीद की जाती है।
साल 1989 में ईरानी संविधान में संशोधन किया गया था। उस दौरान इसमें महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किए गए थे।