बेंगलूरु/दक्षिण भारत। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने अग्निवीरों को संबोधित करने के लिए सोमवार को मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर का दौरा किया। उन्होंने अपने संबोधन में सैन्य सेवा के महान उद्देश्य और सैन्य ढांचे के भीतर महत्त्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि अग्निवीर सिर्फ सैनिक नहीं हैं, बल्कि वे राष्ट्र की संप्रभुता के नेतृत्वकर्ता, नवप्रवर्तक और रक्षक भी हैं।
युद्ध की उभरती प्रकृति का उल्लेख करते हुए सीडीएस ने साइबर युद्ध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विभिन्न खतरों को शामिल करने के लिए भविष्य के संघर्षों की जटिलता के बारे में बताया, जो अब युद्ध के मैदान का एक अभिन्न अंग हैं।
उन्होंने प्रौद्योगिकी एकीकरण और निरंतर सीखने के बारे में भी बात की और कहा कि नवीनतम प्रगति के साथ बने रहने के अलावा युद्ध के प्रति नवीन दृष्टिकोण प्रदर्शित करने की जरूरत है।
सीडीएस ने सशस्त्र बलों को एक पेशे के रूप में चुनकर अग्निवीरों द्वारा की गई प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया। इसे राष्ट्र के प्रति उनके असाधारण कर्तव्य का प्रमाण बताया।
उन्होंने सैनिकों और उनके परिवारों के सामने आने वाली व्यक्तिगत चुनौतियों और चुनौतीपूर्ण वातावरण में काम करते समय उनके द्वारा बर्दाश्त की जाने वाली कठिनाइयों के बारे में भी बताया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि चुनौतियों के बावजूद अग्निवीरों को अपनी यात्रा बेहद फायदेमंद लगेगी और उनका हर कदम व्यक्तिगत विकास और राष्ट्र की सेवा करने में गर्व की भावना पैदा करेगा।
सीडीएस ने प्रशिक्षण के लिए अनुकूल माहौल बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए रेजिमेंटल सेंटर और प्रशिक्षकों की टीम की सराहना की कि अग्निवीरों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने सशस्त्र बलों के भविष्य को आकार देने में पेशेवर प्रशिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। सीडीएस ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता सीधे परिचालन तत्परता को प्रभावित करती है।
अपने समापन भाषण में सीडीएस ने अग्निवीरों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने, अखंडता और सम्मान के मूल्यों को बनाए रखने और अपने साथियों के लिए रोल मॉडल के रूप में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्धता में दृढ़ रहने और सकारात्मक प्रभाव डालने के महत्त्व पर भी जोर दिया।