प. बंगाल ओबीसी प्रमाणपत्र: पूनावाला बोले- 'वोटबैंक' को खुश करने का एक और सबूत सामने आया

तृणकां सरकार पर लगाया तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। साल 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने टिप्पणी की है।

उन्होंने कहा कि करीब 5 लाख ओबीसी प्रमाणपत्र निलंबित कर दिए गए हैं। उच्च न्यायालय के फैसले से पता चला है कि कैसे सिर्फ वोटबैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के लिए ममता बनर्जी की सरकार ने धार्मिक आधार पर मुसलमानों को वो अधिकार दे दिए, जो ओबीसी समुदाय को मिलने थे।

शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि ओबीसी, एससी-एसटी लोगों का हक छीनकर वोटबैंक को खुश करने का एक और सबूत सामने आया है।

शहजाद पूनावाला ने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने उन्हें (इंडि गठबंधन को) यह लिखित में देने की चुनौती दी कि आरक्षण धार्मिक आधार पर या ओबीसी, एससी-एसटी कोटे से काटकर नहीं दिया जाएगा, तो उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया।

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