बेंगलूरु/दक्षिण भारत। छियालीसवें फ्लाइट टेस्ट कोर्स के 12 टेस्ट पायलट और पांच फ्लाइट टेस्ट इंजीनियरों ने 48 सप्ताह के सख्त फ्लाइट टेस्ट कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद बेंगलूरु में एयर फोर्स टेस्ट पायलट स्कूल (एएफटीपीएस) से स्नातक उपाधि हासिल की।
एएफटीपीएस विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई) का एक अभिन्न अंग है, जो सभी सेवाओं और डीआरडीओ के लिए टेस्ट पायलट और टेस्ट इंजीनियरों को प्रशिक्षित करता है। स्कूल के स्नातक सभी हवाई प्रणालियों, हथियारों और प्लेटफॉर्मों के मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार होते हैं और एयरो स्पेस डोमेन में 'आत्मनिर्भरता' की खोज में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने सभी स्नातक अधिकारियों को प्रमाणपत्र और मेधावी स्नातकों को ट्राफियां प्रदान कीं।
इस अवसर पर उन्होंने स्नातक अधिकारियों को याद दिलाया कि वे भारतीय सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण, आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर क्षमता के महत्त्व पर जोर दिया कि विमान और सिस्टम सेवाओं की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। उन्होंने सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डाला, जिसे परीक्षण दल राष्ट्र के स्वदेशीकरण अभियान में निभा सकते हैं।
भारतीय नौसेना से एक और भारतीय थल सेना से एक सहित पासिंग आउट अधिकारी 'गौरवान्वित' के प्रतिष्ठित और विशिष्ट क्लब में शामिल होंगे, जिसमें 341 टेस्ट पायलट और 152 फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर शामिल हैं, जो साल 1973 में इसकी स्थापना के बाद से एएफटीपीएस से पास आउट हो चुके हैं।
सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड छात्र टेस्ट पायलट के लिए प्रतिष्ठित 'सुरंजन दास ट्रॉफी' स्क्वाड्रन लीडर अनुभव बेरवाल को प्रदान की गई। सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंड छात्र उड़ान परीक्षण इंजीनियर के लिए 'महाराजा हनुमंत सिंह तलवार' स्क्वाड्रन लीडर वी सुप्रिया को मिली।