इंडि गठबंधन वालों को देश 'अच्छी तरह' जान गया है: मोदी

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था और समाजवादी पार्टी का छत्तीस का आंकड़ा है

मिर्जापुर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ का यह म​हीना हमारी परंपरा में विशेष होता है और इसका हर मंगलवार बहुत खास होता है। इस बार का बुढ़वा मंगल और भी विशेष है, क्योंकि 500 साल बाद यह पहला बुढ़वा मंगल होने वाला है, जब बजरंगबली के प्रभु राम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजे होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 6 चरणों के मतदान में देश ने तीसरी बार भाजपा-राजग की मजबूत सरकार को पक्का कर दिया है। भारत ने तीसरी बार मोदी सरकार बनाने का मन क्यों बनाया? इसका सीधा-सीधा कारण है- नेक नीयत, नेक नीतियां और राष्ट्रनिष्ठा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडि गठबंधन वालों को देश 'अच्छी तरह' जान गया है। ये लोग घोर सांप्रदायिक, घोर जातिवादी और घोर परिवारवादी हैं। जब भी इनकी सरकार बनती है, ये लोग इसी आधार पर फैसला लेते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था और समाजवादी पार्टी का छत्तीस का आंकड़ा है। जो आतंकी पकड़े जाते थे, उनको भी ये सपा वाले छोड़ देते थे। जो पुलिस अफसर इसमें आनाकानी करता था, सपा सरकार उसे सस्पेंड कर देती थी। 

इन्होंने पूरे उप्र को, पूर्वांचल को माफिया का सुरक्षित ठिकाना बना दिया था। जीवन हो या जमीन, कब छिन जाए कोई नहीं जानता था और सपा सरकार में माफिया को भी वोटबैंक के हिसाब से देखा जाता था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश का पवित्र संविधान भी इनके (इंडि गठबंधन) निशाने पर है। ये एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण लूटना चाहते हैं। हमारा संविधान साफ-साफ कहता है कि धर्म के आधार पर आरक्षण हो ही नहीं सकता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था। तब सपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि जैसे दलितों, पिछड़ों को आरक्षण मिला है, वैसे ​ही एक समुदाय विशेष को भी आरक्षण दिया जाएगा। 

सपा ने कहा था कि वो इसके लिए संविधान तक बदल देगी। सपा ने घोषणा की थी कि पुलिस और पीएसी में भी 15 प्रतिशत आरक्षण एक समुदाय को दिया जाएगा। ये लोग अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए एससी-एसटी-ओबीसी का हक छीनने पर तुले हुए थे।

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