जादवपुर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के जादवपुर में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग जानते हैं कि देश में दमदार सरकार का होना कितना जरूरी है और इसलिए इस बार 4 जून को नया इतिहास रचा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, पश्चिम बंगाल के लोगों का मुझ पर जो अपार स्नेह बरसता है, उससे मैं अभिभूत हो जाता हूं। हमारे प्रति लोगों का स्नेह, विश्वास और आशीर्वाद अद्वितीय स्तर पर पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बीते दो महीनों में पश्चिम बंगाल के अनेक शहरों में गया हूं। मैं लगातार देख रहा हूं, इस बार तृणकां और इंडि वालों के बड़े-बड़े किले ध्वस्त होने वाले हैं। चार जून को पूरा बंगाल बड़ी संख्या में कमल खिलाने जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल के लोग जानते है कि सीपीएम को दिया हर वोट तृणकां को ही जाएगा। सीपीएम यहां चुनाव तृणकां को मदद करने के लिए लड़ रही है। ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अभी यहां की मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) ने घोषणा की है कि वे दिल्ली में इनका (सीपीएम) समर्थन करेंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो तृणकां सिर्फ अपने वोटबैंक के लिए काम करती हो, वह यहां के युवाओं के लिए कुछ नहीं कर सकती। तृणकां आपको गरीब और पिछड़ा बनाए रखना चाहती है, ताकि उसकी दुकान चलती रहे। जबकि मोदी विकसित भारत के लिए काम कर रहा है। आपने 10 साल का मोदी का सेवाकाल देखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में हम भारत को ग्लोबल एजुकेशन, रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट का हब बनते देखेंगे। अब हम भारत को स्पेस, डिफेंस, सेमीकंडक्टर, ड्रोन और मैपिंग ... ऐसे अनेक सेक्टर में आगे बढ़ा रहे हैं। इसका सीधा लाभ हमारे नौजवानों को होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीपीएम और तृणकां की राजनीति ने बंगाल को बर्बाद कर दिया है। ये पार्टियां दो हैं, इनकी दुकान एक ही है और दुकान में सामान भी एक ही है। तृणकां और लेफ्ट दोनों इंडि गठबंधन में हैं, दोनों ही तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति करती हैं। दोनों पार्टियों ने पश्चिम बंगाल को भ्रष्ट और तोलाबाजों का सिस्टम दिया और दोनों ही पार्टियां लोकतंत्र की विरोधी हैं। पंचायत हो, विधानसभा हो, लोकसभा हो, कोई भी चुनाव बंगाल में बिना खून-खराबे के पूरा नहीं होता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में गणतंत्र बचाने के लिए पहरा देना होगा। पश्चिम बंगाल में मानवता को बचाने की आवाज उठाने वाले खतरों के साथ जी रहे हैं। यह कुछ और नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल में मौजूद तृणकां का 'टेरर मॉडल' है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो तृणकां सरकार कानून एवं व्यवस्था जैसा आधारभूत काम नहीं कर सकती, उसे सजा देना जरूरी है। तृणकां और सुशासन का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। बंगाल में सुशासन दूरबीन से खोजने पर भी नहीं मिलता।