बेंगलूरु/दक्षिण भारत। वायुसेना तकनीकी कॉलेज में शनिवार को गणमान्य लोगों, अधिकारियों, वायु योद्धाओं, अभिभावकों और वायुसेना के पूर्व अधिकारियों की मौजूदगी में 212/23टी/स्थायी कमीशन और शॉर्ट सर्विस कमीशन/102 एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स की पासिंग आउट परेड (पीओपी) हुई।
परेड में 74 सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण का सफल समापन दर्शाया गया, जिसमें 20 महिला अधिकारियों सहित कुल 60 इंजीनियरिंग अधिकारी कॉलेज से उत्तीर्ण हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय वायुसेना की पूर्वी वायु कमान (ईएसी) के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल एसपी धारकर थे। उन्होंने समीक्षा अधिकारी (आरओ) के रूप में परेड का निरीक्षण भी किया।
कॉलेज के कमांडेंट एयर कमोडोर आशुतोष श्रीवास्तव ने आरओ का स्वागत किया। परेड में डोर्नियर विमानों द्वारा शानदार फ्लाईपास्ट और भारतीय वायुसेना की ‘एयर डेविल्स’ टीम द्वारा स्काई डाइविंग का प्रदर्शन किया गया। परेड के दौरान ‘एयर वॉरियर्स ड्रिल टीम’ ने भी अपने कौशल का प्रदर्शन किया।
आरओ ने पाठ्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को ट्रॉफी और पदक प्रदान किए। ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान के लिए प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' फ्लाइंग ऑफिसर राहुल ईवी को प्रदान किया गया। प्रोफेशनल विषयों और सामान्य सेवा प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ अधिकारी के लिए 'राष्ट्रपति पट्टिका' फ्लाइंग ऑफिसर नुन्ना ऊहा को प्रदान की गई।
इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल स्ट्रीम में ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान के लिए 'चीफ ऑफ एयर स्टाफ मेडल' क्रमशः फ्लाइंग ऑफिसर ऋतु रंजन और फ्लाइंग ऑफिसर पाथिवाड़ा हेमंत कुमार को प्रदान किए गए।
ईएसी के एओसी-इन-सी ने सभा को संबोधित किया और स्नातक अधिकारियों को बधाई दी। एयर मार्शल ने अधिकारियों को नवोन्मेषी बनकर परिचालन तत्परता पर ध्यान केन्द्रित करने, प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने, रखरखाव चुनौतियों से निपटने के लिए ज्ञान और कौशल को निरंतर उन्नत करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सभी सौंपे गए कार्यों को पूरा करने में सक्षम होने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहें।