नई दिल्ली/दक्षिण भारत। लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने गठबंधन किया, लेकिन एग्जिट पोल में इसका फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी की सातों सीटों पर इंडि गठबंधन कोई कमाल नहीं दिखा रहा है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल की मानें तो यहां सभी सीटों पर कमल खिल सकता है। इसका मतलब है कि दिल्ली में इंडि गठबंधन की झोली खाली ही रह सकती है।
बता दें कि साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में यहां से भाजपा ने सभी सीटें जीती थीं। इस बार भाजपा ने अपने ज्यादातर उम्मीदवारों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया, जिसका फायदा एग्जिट पोल में मिलता दिखाई दे रहा है।
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल कहता है कि यहां भाजपा को छह से सात सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर इंडि गठबंधन पूरा जोर लगाने के बावजूद 0-1 सीट तक सिमट सकता है।
भाजपा को डाले गए कुल वोटों का 54 प्रतिशत तक मिल सकता है। इंडि गठबंधन के खाते में 44 प्रतिशत वोटों के जाने की संभावना है। अन्य को भी 2 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं।
दिल्ली की सबसे ज्यादा चर्चित सीट उत्तर-पूर्व दिल्ली है, जहां से भाजपा के मनोज तिवारी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार ने चुनाव लड़ा था। यहां मुकाबला मनोज तिवारी के पक्ष में जाने की संभावना जताई जा रही है।