अनुभवी थे बेंगलूरु के ट्रैकर, एक वजह बनी सहस्र ताल में 'काल'

उन्होंने पहले भी कई मुश्किल चढ़ाइयां फतह की थीं

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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। उत्तराखंड के सहस्र ताल की ट्रेकिंग के दौरान बेंगलूरु के 22 सदस्यीय दल में से नौ ट्रेकर्स की मौत हो गई। उनके शव उत्तरकाशी से बरामद किए गए हैं। चार जून को मौसम बिगड़ने के बाद उनके साथ हादसा हुआ था।

जान गंवा चुके ट्रेकर्स के नाम आशा सुधाकर (71), अनिता रंगप्पा (55), वेंकटेश प्रसाद के (53), विनायक मुंगुरवाड़ी (52), सुजाता मुंगुरवाड़ी (52), पद्मनाभ केपी (50), चित्रा प्रणीत (48), सिंधु वेकलम (44) और पद्मिनी हेगड़े (34) हैं। ये सभी बेंगलूरु के निवासी थे और कर्नाटक पर्वतारोहण संघ के ट्रेकर्स के एक समूह का हिस्सा थे। 

बताया गया कि ये सभी अनुभवी ट्रेकर्स थे। उन्होंने पहले भी कई मुश्किल चढ़ाइयां फतह की थीं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि टीम ने 4 जून को सहस्र ताल के ऊंचाई वाले इलाके से अपनी यात्रा शुरू की थी। गंतव्य पर पहुंचने के बाद टीम ने शिविर में वापस लौटने की कोशिश की, लेकिन दोपहर 2 बजे बर्फीले तूफान की वजह से मौसम खराब हो गया और वे वहीं फंस गए।

इस संबंध में जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कर्नाटक के 19 ट्रैकर्स अपने तीन स्थानीय गाइडों के साथ मंगलवार को दोपहर करीब 2 बजे सहस्र ताल में ऊंचाई पर ट्रेकिंग कर रहे थे। ये उसी दौरान बर्फीले तूफान में फंस गए थे।

बताया गया कि टीम में कर्नाटक से 18 ट्रैकर थे। वहीं, एक ट्रैकर महाराष्ट्र से आया था। उसके अलावा स्थानीय गाइड शामिल थे।

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