मुंबई/दक्षिण भारत। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को लगातार आठवीं बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। उसने कहा कि वह मुद्रास्फीति पर कड़ी नजर रखेगा।
पिछले वर्ष अप्रैल में लगातार छह बार ब्याज दरों में वृद्धि के बाद ब्याज दरों में वृद्धि चक्र को रोक दिया गया था, जो मई 2022 से अब तक कुल मिलाकर 250 आधार अंक हो गया है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।
परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर बनी हुई हैं।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास अनुमान को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी अनंतिम अनुमानों में भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद, यानी जीडीपी वृद्धि को वर्ष 2023-24 के लिए 8.2 प्रतिशत रखा गया है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक घरेलू आर्थिक गतिविधि में लचीलापन बना हुआ है और घरेलू मांग में मजबूती के कारण विनिर्माण गतिविधि में भी तेजी जारी है।