बेंगलूरु/दक्षिण भारत। योग से होने वाले कई फायदों पर विज्ञान भी मुहर लगा चुका है। विशेषज्ञ कहते हैं कि योग के विभिन्न फायदों में लचीलापन, शक्ति और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार खासतौर से शामिल किए जा सकते हैं।
यह तनाव, सूजन और चिंता को दूर करने में भी मदद कर सकता है। योग एक समृद्ध विज्ञान है, जिसके विभिन्न आसन तन और मन को कई तरह से फायदे पहुंचाते हैं। आइए, यहां जानते हैं योग से होने वाले खास फायदों के बारे में ...
लचीलापन बढ़ाता है
साल 2016 में योग के दो प्रमुख संस्थानों योगा जर्नल और योगा एलायंस ने योग की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इसके बारे में विभिन्न आंकड़ों को देखते हुए एक विश्वव्यापी सर्वेक्षण किया। उन्होंने पाया कि योग करने के लिए लोगों का इसको चुनने का सबसे बड़ा कारण 'लचीलापन बढ़ाना' था। लचीलापन शारीरिक स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
विशेषज्ञों ने यह भी पाया कि योग 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में लचीलेपन को बेहतर बनाने में विशेष रूप से सहायक होता है। लचीलापन कम होना उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा है और साल 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि योग ने वृद्धजन में लचीलेपन में कमी को धीमा किया।
तनाव दूर करने में मददगार
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के एक अध्ययन के अनुसार, 84 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क दीर्घकालिक तनाव का प्रभाव महसूस कर रहे हैं। इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि लोगों द्वारा योग करने के लिए चुना गया दूसरा सबसे बड़ा कारण तनाव से राहत पाना था।
वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि योगासन तनाव कम करने में बहुत कारगर होते हैं। इस प्रक्रिया में ध्यान, सांस लेने की क्रिया, ध्वनि श्रवण, मंत्रोच्चार आदि तनाव से राहत दिलाने में असरदार होते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार (एमडीडी) को दुनिया में सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य विकारों में से एक माना जाता है। अवसादग्रस्तता के लक्षणों पर योग-आधारित उपचारों के प्रभावों को देखने वाले एक विश्लेषण ने भारी बहुमत से निष्कर्ष निकाला कि योग को अब एमडीडी के लिए प्रभावी वैकल्पिक उपचार माना जा सकता है। आसन-आधारित योग चिकित्सा और श्वास-आधारित अभ्यास दोनों से लक्षणों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
सूजन को कर सकता है कम
अक्सर कई बीमारियों का कारण पुरानी सूजन होती है। इसके अलावा हृदय रोग, मधुमेह, गठिया, क्रोहन रोग और कई अन्य बीमारियां लंबे समय की शारीरिक स्थितियों का परिणाम होती हैं। एक समीक्षा में 15 शोध अध्ययनों की जांच की गई और सामान्य परिणाम मिला- योग पुरानी सूजन और उन स्थितियों के असर को दूर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो एक समय बाद बड़े रोगों में परिवर्तित हो सकती हैं।
शक्ति बढ़ाता है
योगासन से शरीर में रक्त प्रवाह सुधरता है। इससे ऊर्जा का संचार होता है और तन-मन को शक्ति प्राप्त होती है। शक्ति बढ़ाने में योग की प्रभावशीलता संबंधी अध्ययन के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं कि उचित आहार-विहार, खानपान और दिनचर्या में सुधार के साथ योगाभ्यास किया जाए तो तन और मन, दोनों की शक्ति बढ़ती है। इससे थकान दूर होती है और मनुष्य खुद को तरोताजा महसूस करता है।
अमेरिका में सुरक्षाकर्मियों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि योग कई आयु वर्ग के स्वस्थ प्रतिभागियों के लिए प्रभावी शक्ति-निर्माण अभ्यास है।