बेंगलूरु/दक्षिण भारत। योग से होने वाले कई फायदों के बारे में प्राचीन काल से ही विशेषज्ञ जानते हैं। जिन लोगों ने जिज्ञासावश इसका अभ्यास शुरू किया, वे भी उन फायदों से रूबरू हुए। अब योग को आधुनिक शोध और वैज्ञानिक विधियों की कसौटी पर परखा जा रहा है। देश-दुनिया में किए गए ऐसे कई अध्ययनों के नतीजे बताते हैं कि योग मनुष्य के तन और मन को निर्मल बनाता है।
- अमेरिका की चिंता और अवसाद एसोसिएशन ने एक अध्ययन के बाद कहा कि चिंता विकार इस देश में सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य विकार हो सकता है।
उसने कहा कि कई तरह के चिंता विकार होते हैं, जैसे- सामान्यीकृत चिंता विकार, सामाजिक चिंता और विशिष्ट फोबिया। यहां तक कि क्रोनिक स्ट्रेस को भी कभी-कभी चिंता विकार के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- अनेक अध्ययनों से पता चलता है कि योगासन चिंता विकारों के लिए वैकल्पिक उपचार के रूप में प्रभावी हो सकते हैं। योगनिद्रा, जो ध्यान का ही एक स्वरूप है, चिंता के लक्षणों को निर्णायक रूप से कम करने में सक्षम पाया गया है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन जीवन की गुणवत्ता (क्यूओएल) को 'किसी व्यक्ति की संस्कृति और मूल्य प्रणालियों के संदर्भ में जीवन में अपनी स्थिति की धारणा, जिसमें वह रहता है और जो उसके लक्ष्यों, अपेक्षाओं, मानकों और चिंताओं के संबंध में है' के रूप में परिभाषित करता है।
क्यूओएल को प्रभावित करने वाले कुछ कारक हैं- रिश्ते, रचनात्मकता, सीखने के अवसर, स्वास्थ्य और भौतिक सुख-सुविधाएं।
- दशकों से शोधकर्ता क्यूओएल को लोगों की वृद्धावस्था और किसी लंबी अवधि की बीमारी या चोट के उपचार के बाद रोगियों में सुधार की संभावना के एक महत्त्वपूर्ण संकेतक के रूप में देखते रहे हैं।
- साल 2019 के एक विश्लेषण से पता चलता है कि योग से क्रोनिक दर्द से पीड़ित लोगों के जीवन स्तर में सुधार की संभावना है।