बेंगलूरु/दक्षिण भारत। इज़राइल को महान वैज्ञानिकों और योद्धाओं की भूमि माना जाता है। बंजर और पथरीले इलाके को अपनी कड़ी मेहनत और सूझबूझ से उपजाऊ बनाने वाले इज़राइली योग में भी पारंगत होते जा रहे हैं।
इज़राइल में योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ रही है। यहां हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बड़ी संख्या में लोग योग करते हैं। दैनिक योगाभ्यास करने वालों की संख्या भी लाखों में है।
चूंकि इज़राइली जब एक-दूसरे से मिलते हैं तो अभिवादन के तौर पर 'शालोम' कहते हैं। अब योगाभ्यास करने वाले की संख्या बढ़ने पर वहां 'ऊँ' का उच्चारण भी सुनने को मिलता है। इसलिए कहा जाता है कि 'शालोम' की धरती पर 'ऊँ'।
इज़राइल की कई स्कूलों में पहली कक्षा के बच्चे भी जानने लगे हैं कि प्राणायाम क्या है और सूर्य नमस्कार कैसे किया जाता है। यहां स्कूलों से लेकर दफ्तरों और सैन्य संस्थानों में योगाभ्यास करते लोग देखे जा सकते हैं।
चूंकि इज़राइल का फिलस्तीन, ईरान समेत कई देशों और हमास जैसे संगठनों के साथ छत्तीस का आंकड़ा है और यहां आए दिन सैन्य झड़पें होती रहती हैं, इसलिए सुरक्षा बलों से जुड़े लोग बहुत तनाव महसूस करते हैं। वे योग की शरण में तो जाते ही हैं, जब उन्हें समय मिलता है, भारत के आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं। हर साल लद्दाख के ध्यान केंद्रों और मठों में कई इज़राइली आते हैं।
इज़राइल में योग कक्षाओं में जाने वाले योगप्रेमियों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां हिब्रू और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में कक्षाएं जारी हैं। इसके अलावा जो लोग पर्यटन के उद्देश्य से इज़राइल आते हैं, वे भी इन कक्षाओं में भाग लेते हैं।
एक इज़राइली योगी के शब्दों में - 'मेरे बेसमेंट स्टूडियो में, हम एक-दूसरे के आमने-सामने बैठे, आंखें बंद कीं, गहरी सांस ली और 'ऊँ' का जाप किया, एक कंपनयुक्त, शांत करने वाली ध्वनि, जो ब्रह्मांड की सभी ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करती है।'
इज़राइल में योग के अभ्यास पर कोई सटीक संख्या या अध्ययन उपलब्ध नहीं है। इज़राइली योग शिक्षक संघ के लंबे समय से सदस्य गिलाद हारौवी का अनुमान है कि इज़राइल में लगभग 3,70,000 योगाभ्यासी हैं। वहीं, कुछ इज़राइली योग शिक्षकों का अनुमान है कि कुल संख्या 5,00,000 से भी ज़्यादा है।