पुरानी कब्ज और गैस से मुक्ति दिलाएगा पवनमुक्तासन

यह ऐसा योगासन है, जिसका असर कुछ ही मिनटों में महसूस होना शुरू हो जाएगा

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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। यूं तो पवनमुक्तासन के कई फायदे हैं, लेकिन यह उन लोगों के लिए खास फायदेमंद है, जिन्हें गैस और कब्ज आदि की समस्या रहती है। यह योगासन शरीर से वायु को निकाल देता है, इसलिए इसका नाम पवनमुक्तासन है। अंग्रेजी में इसे गैस रिलीज पोज कहा जाता है।

कैसे करें पवनमुक्तासन?

- सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। 

- अब धीरे-धीरे अपने घुटने को मोड़ें और तलवे को ज़मीन पर टिका लें।

- इसके बाद अपने दोनों हाथों से घुटने को ऊपर से पकड़ लें। फिर, गहरी सांस लें और घुटनों को सीने से लगाएं।

- इस दौरान सांस को रोक कर रखें। 

- ध्यान रखें कि लंबी सांस अंदर रखते घुटने को सीने से लगाना है। इस दौरान जांघ को हाथों से पकड़ते हुए पेट पर हल्का दबाव होगा।  

-  लगभग पांच से 10 सेकंड तक इस स्थिति में रहें। 

-  अब घुटने को दोनों हाथों से मुक्त कर दें। उसके बाद सांस छोड़ते हुए पैर को सीधा करना है।

- इस तरह सामान्य स्थिति में लौट आने के बाद यही क्रिया दूसरे पांव के साथ करनी है। 

- इस क्रिया को एक-एक कर दोनों पैरों से करते हुए चार-पांच बार दोहराएं। 

पवनमुक्तासन के फायदे

- यह ऐसा योगासन है, जिसका असर कुछ ही मिनटों में महसूस होना शुरू हो जाएगा।

- पवनमुक्तासन पीठ के साथ ही पेट की मांसपेशियों के लिए अच्छा होता है।

- इससे हाथों और पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।

- इससे पुरानी कब्ज और गैस जैसी दिक्कतें दूर होती हैं।

- पवनमुक्तासन रक्त परिसंचरण बढ़ाने में सहायक होता है।

- यह पेट की बढ़ी हुई चर्बी दूर करने में प्रभावी है।

- इसका नियमित अभ्यास करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।

इन सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी 

- जिन्हें गंभीर कमर दर्द हो, उन्हें इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।

- जिनके घुटने में दर्द हो या सर्जरी कराई हो, वे इसे न करें।

- हर्निया, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग जैसी समस्याओं में पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए। 

ध्यान रखें कि इस जानकारी का उद्देश्य योग के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह स्वास्थ्य संबंधी सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। उचित सावधानियों का पालन करते हुए किसी कुशल योग प्रशिक्षक के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही योगाभ्यास करना चाहिए।  

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