पेट और पीठ की कई दिक्कतों का एक उपाय है- भुजंगासन

नियमित रूप से भुजंगासन करने के अनेक लाभ हैं

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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भुजंगासन एक ऐसा योगासन है, जो पेट और पीठ की कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है। संस्कृत में 'भुजंग' सांप को कहा जाता है। भुजंगासन का अभ्यास करते समय शरीर की आकृति फन उठाए हुए सांप जैसी हो जाती है। अंग्रेजी में इसे कोबरा पोज कहा जाता है।

नियमित रूप से भुजंगासन करने के अनेक लाभ हैं। इससे पेट और पीठ संबंधी कई रोग दूर रहते हैं। वहीं, यह आसन थकान को भी दूर करता है। आइए, जानते हैं भुजंगासन करने का तरीका ...

- सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। पांवों की अंगुलियां और माथा जमीन पर सीधा रखें।

- आपके पैर सीधे हों और एड़ियां भी एकसाथ हों। वहीं, दोनों हाथ कंधों के बराबर नीचें हों। अपनी कोहनियों को समानांतर रखें।

- अब लंबी सांस लें, धीरे-धीरे माथा ऊपर उठाएं। उसके बाद छाती, पेट को ऊपर उठाएं। नाभि जमीन पर रहे।

- शरीर को ऊपर उठाते जाएं, दोनों हाथों पर जोर डालते हुए कमर पीछे की तरफ खींचें। इस दौरान अपना वजन दोनों हाथों पर बराबर आना चाहिए।

- गर्दन को उठाएं तथा ऊपर देखें, जिस प्रकार सांप फन उठाकर देखता है।

- कुछ क्षण बाद सांस छोड़ते हुए पेट, छाती, माथे को वापस ज़मीन से लगाएं।

- शुरुआत में इसका दो से चार बार अभ्यास किया जा सकता है।

ये होते हैं फायदे

- पाचन क्षमता मजबूत करता है।

- तनाव दूर करने में सहायक है।

- रक्त परिसंचरण बढ़ाता है।

- पीठ का दर्द दूर करता है।

- थायराइड संबंधी समस्याओं में लाभदायक है।

- चित्त को प्रसन्नता देता है।

सावधानियां

- अपनी क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही शरीर को तानना चाहिए।

- रीढ़ की हड्डी पर हद से ज्यादा जोर न दें।

- अगर पेट या रीढ़ की सर्जरी हुई है तो इसे न करें।

- कमर को झटका न दें।

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